प्रयागराज (ब्यूरो)। काल्विन हॉस्पिटल के गेट पर हुई अतीक और अशरफ की सुरक्षा में लापरवाही का ठीकरा फिलहाल पांच पुलिसकर्मियों पर फोड़ा गया है। प्राइमाफेसी जिम्मेदारी शाहगंज थाना प्रभारी, एक चौकी इंचार्ज एवं तीन सिपाहियों को जिम्मेदार माना गया है। इन तीनों को मंगलवार को सस्पेंड कर दिया गया है।
सतर्कता बरतने में लापरवाही
इन पांचों पर सूचना के बावजूद सुरक्षा को लेकर सतर्क नहीं रहने के आरोप बताए जा रहे हैं। अभी और भी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई प्रतीक्षित है। लापरवाही को लेकर छानबीन के बाद शेष भी कार्रवाई हो सकती है। अधिवक्ता उमेश पाल सहित दो गनर की हत्या के आरोप में पूछताछ के लिए धूमनगंज पुलिस ने अतीक और अशरफ को पुलिस ने कस्टडी रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान पूछताछ और बरामदगी के लिए धूमनगंज थाना प्रभावी दोनों को लेकर जगह-जगह जा रहे थे। शनिवार 15 अप्रैल की रात भी उन दोनों को लेकर पिस्टल बरामदगी के लिए निकले थे।
बरामदगी के बाद दोनों को थाने में दाखिल करने के पूर्व मेडिकल के लिए काल्विन हॉस्पिटल ले जाना था। हॉस्पिटल पर सुरक्षा को लेकर सूचना शाहगंज पुलिस व नीवां चौकी इंचार्ज एवं अन्य पुलिस कर्मियों को दिए गए थे। आननफानन मौके पर करीब पंद्रह से 19 पुलिस कर्मियों की सुरक्षा में ड्यूटी लगा दी गई थी। इनमें थाना प्रभारी शाहगंज अश्वनी सिंह, नीवां चौकी प्रभारी प्रीतम पांडेय, दरोगा शिव प्रसाद मौर्या, सिपाही जयमेश कुमार और संजय प्रजापति शामिल थे।
हॉस्पिटल के गेट पर हुई थी हत्या
सुरक्षा घेरा होने के बाद भी हॉस्पिटल गेट पर पहुंचते ही अतीक और अशरफ को तीन शूटरों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के बाद पुलिसिंग और सुरक्षा पर सवाल उठने लगे। मामला पूरे प्रदेश में गरम हो गया था। इसके बाद से ही संभावना जताई जा रही थी कि जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है। घटना के दिन ही 17 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की बात सामने आयी थी कि लेकिन इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। मंगलवार को की गयी कार्रवाई डीसीपी नगर दीपक भूकर के द्वारा इस कार्रवाई की बात कही गई है।