प्रयागराज (ब्यूरो)। मैनेजर ने इस बात की खबर पुलिस को दी। सूचना मिली तो सिविल लाइंस इंस्पेक्टर फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। मैनेजर द्वारा बताई गई चोरी की कहानी में पुलिस को कई झोल नजर आए। इस पर डॉग स्क्वायड व फोरेंसिक टीम को भी जांच के लिए कॉल किया गया। यह दोनों टीमें भी मौका-ए-वारदात की छानबीन की। देर शाम तक चोरों की तलाश में जुटी पुलिस संदिग्ध व्यक्तियों व कर्मचारियों से पूछताछ में जुटी रही।
अंदर कैमरे पर चस्पा मिला टेप
छानबीन में जुटी पुलिस ने देखा कि शॉपिंग काम्प्लेक्स के सीसीटीवी कैमरे पर कपड़ों में लगाया जाने वाला टेप चस्पा था। काम्प्लेक्स के थर्ड फ्लोर पर कोने में एक पिलर की निकली हुई सरिया के सहारे रस्सी नुमा बंधे कई मफलर पीछे की तरफ लटके हुए थे। थर्ड फ्लोर के छत पर लगे दरवाजे का ताला टूटा हुआ था। माना जा रहा है रुपयों को समेटने के बाद चोर इसी मफलर के सहारे कूद कर भागा होगा। नाइट ड्यूटी पर रहे सुरक्षा गार्ड पंकज भारतीया से पूछताछ की गई। उसने के कहा कि रात में वह पीछे तरफ धम्म से आई आवाज को सुना था। चोरी जैसी कोई गुंजाइश या शक उसे थी नहीं, लिहाजा वह बेफिक्र होकर गेट और जनरेटर की रखवाली में मशगूल रहा। जब वह पीछे तरफ राउंड पर गया तो उसे लटकता हुआ मफलर दिखाई दिया। इसके बाद वह रात में ही मैनेजर के पास वह कॉल भी किया मगर, फोन रिसीव नहीं हुआ। शॉपिंग काम्प्लेक्स के मैनेजर अरुण कुमार श्रीवास्तव हैं। पुलिस के मुताबिक मैनेजर ने बताया कि शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे काम्प्लेक्स बंद कर सभी घर चले गए। घर जाने से पहले नियमानुसार प्रवेश द्वार के शटर को लॉक करके उस पर सील लगाया गया। अंदर अलग-अलग दो तिजोरियों में कुल आठ लाख 37 हजार रुपये रखे हुए थे। सुबह जब काम्प्लेक्स का शटर खोल कर चेक किया गया तो एक तिजोरी में रखे पांच लाख 37 हजार रुपये गायब थे। जबकि दूसरे लॉकर में रखे तीन लाख रुपये सेफ मिले। चोर बेहद शातिर था। पहचान से बचने के लिए वह सीसीटीवी कैमरों के सामने कपड़ों पर लगाए जाने वाले स्टीकर को चस्पा कर दिया था।
फिर चेकिंग में बरती गई लापरवाही
सीसीटीवी फुटेज की चेकिंग में एक संदिग्ध शख्स बैग लिए हुए शाम करीब साढ़े सात बजे अंदर प्रवेश करता हुआ दिखाई दिया। वह उसी रास्ते से प्रवेश किया जिससे कर्मचारियों की इंट्री होती है। चोरी की पुलिस को बताई गई कहानी व परिस्थिति यदि सच मान ली जाय तो कई सवाल उठते हैं। शॉपिंग काम्प्लेक्स बंद होने करने के पहले उसकी बाकायदे चेकिंग की जाती है। एक-एक व्यक्ति को बाहर किया कर दिया जाता है। इसके बाद शटर डाउन कर लॉक और सील लगाए जाते हैं। हालात पर गौर करतें और जिम्मेदारों की मानें तो चोर शॉपिंग काम्प्लेक्स बंद होने के बाद भी अंदर ही था। मतलब यह हुआ कि बंद करते समय काम्प्लेक्स की चेकिंग ठीक से नहीं की गई। शॉपिंग काम्प्लेक्स में हुई चोरी के पीछे फिलहाल पुलिस जिम्मेदारों की लापरवाही मानी जा रही है।
पुलिस की तेज से चोरी के करीब
चोरी की वारदात की सूचना पर थार्नहिल चौकी इंचार्ज मोहम्मद आरिफ पहुंचे। कई घंटे तक बारीकी से जांच करने पाया कि एक व्यक्ति संदिग्ध नजर आ रहा है। देर शाम उनके हाथ ऐसा सुराग हाथ लगा है। जो इस चोरी की घटना के खुलासे की तरफ इशारा कर रहा है। इस काम्प्लेक्स में एक माह पहले काम छोड़े करन निकला। जो वारदात को अंजाम देने से पहले काम्प्लेक्स के पीछे जंगल में चोरी कर पैसे को बैग में ले जाने के लिए छुपाकर रखा था। वह फूलपुर का रहना वाला है। उसको पकडऩे के लिए सीओ संतोष सिंह ने एक टीम घर व दोस्तों के यहां भेजा गया। फिलहाल छुपाए गए बैग में एक जोड़ा कपड़ा भी करन का मिला है। इस वर्क आउट में चौकी इंचार्ज थार्नहिल व सिविल लाइंस चौकी इंचार्ज राजेश कुमार की काफी योगदान रहा।
घटना करने वाले को माल के भीतर की सभी जानकारी थी। नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों पर भी शक है। काम कर रहे कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी। मुकदमा दर्ज कर फुटेज की चेकिंग और चोरों की तलाश की जा रही है।
संतोष सिंह, सीओ सिविल लाइंस