रेप के मामले में बयान होने से पहले कलंक छिपाने के लिए उतार दिये थे मौत के घाट
मऊआइमा के छाता सिकरिया में 29 जून 2019 को हुई थी सनसनीखेज वारदात
PRAYAGRAJ: कत्ल के चार साल बाद महिला दिवस के मौके पर बालिका की आत्मा को सुकून जरूर मिला होगा। हत्या के पांचों दोषियों को पास्को प्रथम कोर्ट द्वारा सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। कोर्ट में सजा के बिन्दु पर अधिवक्ताओं करीब घंटे भर बहस चली। तमाम साक्ष्य सुबूत और गवाह भी कोर्ट में पेश किए गए थे। पत्रावलियों में उपलब्ध साक्ष्य एवं सुबूतों के आधार पर पांचों के विरुद्ध कोर्ट ने दोष साबित पाया। इसी के आधार पर न्यायाधीश अतीकुद्दीन द्वारा दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।
छाता सिकरिया में हुई थी घटना
प्रकरण मऊआइमा थाना क्षेत्र के छाता सिकरिया गांव का है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता टीएन दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि 26 जून 2016 को गांव निवासी सात वर्षीय बबिता की हत्या कर दी गई थी। बालिका की हत्या करने वालों में गांव के ही संत लाल, बसंत लाल, सोहन लाल, कंहईलाल व देवानन्द कुल पांच लोग शामिल थे। पुलिस द्वारा पांचों को दोषी पाए जाने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। उन्होंने कहा कि उसकी हत्या रेप के गुनाह पर पर्दा डालने लिए की गई। ताकि वह मजिस्ट्रेट के सामने 164 का बयान नहीं दे सके। बयान के एक दिन पहले उसे मौत के घाट उतारा गया था। अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि आरोपितों ने एक गुनाह को छिपाने के लिए दूसरा गुनाह किया है। तमाम तर्को और साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश द्वारा पांचों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।
प्रकरण काफी गंभीर और मारी गई एक बालिका को इंसाफ दिलाने से जुड़ा था। इस केस में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा हमसे चर्चा की गई थी। घटना के पांचों आरोपितों को कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा व 17-17 हजार रुपये के जुर्माने से भी दण्डित किया गया है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी