प्रयागराज (ब्‍यूरो)। जुलाई माह में 9 से 14 जुलाई तक कुल छह दिन लगन है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में विवाह भी हुए हैं। लेकिन अभी तक किसी ने भी जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय शादी में मिले उपहारों की सूची जमा नही कराई है। जबकि हाल ही में दहेज प्रतिषेध नियमावली 1999 के तहत इसे अनिवार्य कर दिया गया था। अधिकारी भी इसे लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि इस नियम के अधिक प्रचार प्रसार की जरूरत है।

अनिवार्य होगा उपहारों की सूची देना
वैसे तो वर्ष 1999 में ही यह नियम बन गया था लेकिन इसका पालन अब कराने पर जोर दिया जा रहा है। कोर्ट का कहना है कि अगर भविष्य में दहेज को लेकर मुकदमा दर्ज कराया जाता है तो उसे विवाह में वर वधू पक्ष से दिए गए उपहारों की सूची दिखानी होगी। यही कारण है कि विवाह के तत्काल बाद इस सूची को जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में पेश कराने का आदेश दिया गया है।

गेस्ट हाउस में नही लग रही सूचना
सीजन में अधिकतर शादियां गेस्ट हाउस से होती हैं। प्रशासन की ओर से कहा गया था कि गेस्ट हाउस संचालक इस नियम की जानकारी देने के लिए अपने प्रमाइसेस में सूचना प्रदर्शित करेंगे। जिससे वर वधू पक्ष को इस नियम की जानकारी हो जाए। लेकिन, वर्तमान में कही भी ऐसी व्यवस्था नजर नही आ रही है। गेस्ट हाउस संचालकों का कहना है कि अभी तक उनके पास ऐसी कोई सूचना नही आई है।

उपहारों के नाम पर निभाई जाती है प्रथा
वैसे तो दहेज प्रथा को अपराध की श्रेण्ी में रखा गया है और दहेज मांगने या देने दोनों पर सजा का प्रावधान किया गया है। बावजूद इसके वर्तमान में उपहार देने के नाम पर वर और वधू पक्ष से महंगे उपहार दिए जाते हैं। जिसमें गहने, इलेक्ट्रानिक आइटम, वाहन, फर्नीचर सहित तमाम चीजें शामिल होती हैं। जब दहेज का मुकदमा होता है तो दोनों पक्ष अपनी ओर से दिए गए उपहार गिनाना शुरू करते हैं। लेकिन किसी प्रकार का साक्ष्य नही होने पर न्यायालय इस दिशा में ठोस निर्णय नही ले पाता है। यही कारण है कि उपहारों की सूची जमा कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

क्या है प्रक्रिया
इस प्रक्रिया में दोनों पक्षों को उपहारों की सूची तैयार करनी होगी। फिर इसमें वर वधू की ओर से हस्ताक्षर कर सत्यापित करना होगा और इसे जिला प्रोबेशन कार्यालय में जमा कराना होगा। खुद अधिकारी बताते हैं कि इतनी पुरानी नियमावली होने के बावजूद कार्यालय में एक भी उपहार की सूची आजतक जमा नही कराई कई है।

नियम तो 1999 का है लेकिन अब इसका स्ट्रिक्टली पालन कराया जा रहा है। इस बार लगन में भी कोई सूची कार्यालय में नही आई है। हालांकि इसमें शादी की तारीख से एक माह का समय भी दिया जाता है। सभी थानों को सूचित किया गया है कि वह अपने एरिया के गेस्ट हाउस में इस सूचना को चस्पा कराने के निदे्र्रश का पालन कराएं।
सर्वजीत सिंह, जिला प्रोबेधन अधिकारी प्रयागराज

अभी तक तो हमारे पास ऐसा काई आदेश नही आया है। केवल अखबारों में ही पढ़ा है। अगर आदेश मिलता है तो शादी घरों में ऐसी सूचना चस्पा करा दी जाएगी। इस लगन में तो इस नियम का पालन नही हुआ है।
विपिन अग्रवाल, संचालक, लक्ष्मी गार्डेन