प्रयागराज ब्यूरो । साइबर क्राइम की दुनिया में करोड़ों की ठगी करने वाले पांच ऐसे ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जो खुद को ट्रेजरी अफसर बताकर रिटायर्ड कर्मियों को झांसे में ले लेते थे और उनके एकाउंट से पल भर में लाखों रुपये उड़ा देते थे। खास बात ये कि इनके निशाने पर रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी ही रहा करते थे। पकड़े गए ठग साइबर दुनिया के माहिर हैं और बैंकों के एकाउंट नंबर से पैसा ट्रांसफर करने में इन्हें महारत हासिल है।

रिटायर्ड हेड कांस्टेबल को किया था फोन

खुल्दाबाद के रहने वाले रिटायर हेड कांस्टेबल भोलानाथ चौधरी के पास एक फोन आया। फोन करने वाले खुद को ट्रेजरी अफसर बताते हुए उनसे पेंशन को लेकर कई सवाल किए। एकाउंट नंबर की जानकारी ली। इसके बाद भोलानाथ को पता चला कि उनके एकाउंट से करीब दस लाख रुपये गायब हो चुके है। इसी तरह धूमनगंज के रहने वाले रिटायर दरोगा राजकुमार को भी फोन आया। फोन करने वाले ने पूरी जानकारी ली। इसके बाद उनके एकाउंट से भी बीस लाख रुपये गायब हो गए। दोनों मामले बड़े थे। साइबर थाने में केस दर्ज हुआ तो पुलिस हरकत में आई। फौरी जांच में पता चला कि इस कांड को करने वाले गिरोह की पकड़ कई प्रदेश में है।

साइबर क्राइम टीम ने किया खुलासा

साइबर क्राइम टीम के सीओ अतुल कुमार यादव ने बताया कि बड़ी धनराशि का मामला होने की वजह से मामले के खुलासे के लिए इंस्पेक्टर राजीव तिवारी, दरोगा अनुज तिवारी, राघवेंद्र पांडेय, सत्येश राय, रणवीर, लोकेश, अनुराग, प्रदीप की टीम बनाई गई। टीम ने दोनों पीडि़तों के ट्रांसफर किए गए पैसों के एकाउंट नंबर के आधार पर जांच शुरू की तो एकाउंट होल्डर के नाम का पता चला। इनके एकाउंट को फ्रीज कराया गया। इसके बाद पांच लोगों की गिरफ्तारी की गई।

गिरफ्तार किए गए पांच साइबर क्रिमिनल
- अब्दुल मतीन उर्फ मार्टीन निवासी झारखंड, देवघर, थाना सारठ मोहल्ला बारा
- बसारत अंसारी निवासी संथाली झारखंड, देवघर, सिरसा
- अंकित अग्रवाल निवासी पश्चिम बंगाल, नार्थ परगना, बैरकपुर
-एसके जीशान न्यू टेंगरा, खटीक रोड कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- विजय प्रसाद न्यू गोविंदा खटीक रोड कोलकाता, पश्चिम बंगाल

ये तो प्यादे हैं, सरगना का पता नहीं
साइबर ठग गिरोह के सदस्य रिटायर्ड कर्मियों को फोन कर उनकी पूरी जानकारी जुटाते थे। खुद को ट्रेजरी अफसर बताते थे। पूरी जानकारी लेने के बाद उसे गैंग के सरगना को बताते थे। गैंग के सरगना की दूसरी टीम एकाउंट टू एकाउंट पैसे ट्रांसफर कर लेती थी। इसके बदले में इन लोगों को अच्छा खासा कमीशन मिलता था। खास बात ये है कि पकड़े गए आरोपी इंटर और हाई स्कूल तक पढ़े हैं। खैर, पुलिस ने मामले का खुलासा तो कर दिया है मगर ये सिर्फ प्यादे हैं। पुलिस अभी तक गैंग के सरगना तक नहीं पहुंच सकी है।
कई मोबाइल और सिम मिले
पकड़े गए आरोपियों के पास से नौ मोबाइल, 15 सिम कार्ड, 11 प्री एक्टीवेटेड सिम कार्ड और एक स्मार्ट वॉच बरामद की गई है।

दर्ज हैं 179 मुकदमें
पुलिस ने साइबर ठगों के गैंग के नाम का तो खुलासा नहीं किया मगर बताया कि इस गैंग पर 179 मुकदमें दर्ज हैं। इस गैंग के 12 सदस्यों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया जा चुका है।