प्रयागराज (ब्यूरो)। दोषियों की सजाएं साथ- साथ चलेंगी। जो सजा पहले काट ली है, उसे समायोजित किया जाए। अदालत ने कहा कि दोषियों को सजा भुगतने के लिए सजायाबी वारंट जेल अधीक्षक, केंद्रीय कारागार नैनी को प्रेषित किया जाए। यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने शासकीय अधिवक्ता जयकांत तिवारी, अमित मालवीय और आरोपितों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के बाद दिया। रामराज यादव निवासी खजूरी बरांव ने करछना थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसके पुत्र दयाशंकर यादव को गांव के ही राजू कुशवाहा, कल्लू उर्फ महबूब आलम सहित अन्य युवक चार दिसंबर 2007 की शाम उसके घर से बुलाकर ले गए। उसकी पुत्रवधू सविता देवी ने देखा और टोका तो दयाशंकर ने कहा शाम तक आ जाएगा। देर रात जब वह घर नहीं आया तो तलाश शुरू हुई। 20 दिसंबर को घूरपुर इलाके में बेटे की बॉडी झाडिय़ों में मिली थी। अभियोजन की ओर से सात गवाह पेश किए गए।


प्रकरण कई वर्ष पुराना है। सजा के बिन्दु पर शासकीय अधिवक्ताओं द्वारा बल पूर्वक बहस की गई। उपलक्ष्य साक्ष्यों व कागजातों का भी हवाला दिया गया। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अदालत द्वारा निर्णय पारित किया गया।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी