प्रयागराज ब्यूरो । शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर तीन फेज में कराए जा रहे सर्वे का एक पार्ट पूरा हो चुका है। प्रथम फेज में वाटर प्लस के प्वाइंट पर सर्वे शुरू हुआ था। यह सर्वे के लिए आई टीम वार्डों में लोगों से बात करके जा चुकी है। शेष दो पार्ट सब सर्वेक्षण और गार्बेज की स्थिति का सर्वे होना बाकी है। इसकी पड़ताल के लिए भी टीम जल्द ही प्रयागराज में कदम रखेगी। वाटर प्लस का सर्वे पूरा होने के बाद डाटा को लॉक कर दिया गया है। बचे हुए दो बिन्दुओं का सर्वे पूरा होने के बाद डाटा कंपाइल होगा। इसके बाद एक साथ नगर निगम व नगर पंचायतों के स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट सीधे शासन स्तर से जारी की जाएगी। यही वह रिपोर्ट है जिसके आधार पर यह मालूम चलेगा कि शहर में स्वच्छता की स्थिति क्या है।
पूरे सौ वार्डों में टीमें करेंगी सर्वे
शहर की स्वच्छता को लेकर प्रति वर्ष नगर निगम द्वारा लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। हवा से लेकर सड़क और मोहल्ले की तक सफाई पर को लेकर खुद सरकार स्वच्छता अभियान समय-समय पर चलाती रही है। शहर के अंदर मौजूदा समय में कुल सौ वार्ड हैं। इन सौ में बीस वार्ड शहर का विस्तार होने के बाद बढ़े हैं। नगर निगम के अफसरों की मानें तो शहर के अंदर करीब दो लाख 35 हजार मकान है। यह वे मकान हैं जिनसे नगर निगम हर महीने बाकायदे हाउस टैक्स वसूल करता है। वार्डों से लेकर सड़क तक सफाई व्यवस्था के लिए करीब 3500 सफाई कर्मी नगर निगम के द्वारा रखे गए हैं। इतना ही नहीं शहर में एयर की स्थिति को सुधारने के नाम पर भी प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। इसके तहत सड़कों पर उडऩे वाली धूल हवा में ही नहीं रहे इसके लिए वाटर स्प्रे कराया जाता है। वाटर स्प्रे के लिए बाकायदे नगर निगम के पास दो गाडिय़ों हैं। हाल ही में हुई सदन की बैठक में इस गौड़ी की और खरीदारी को लेकर प्रस्ताव पास किया गया है। शहर की सफाई इस तरह हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सरकार इन खर्च किए जा रहे इन पैसों की सार्थकता को परखने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण कराती है।
सीधे टीमें पब्लिक से करती हैं बात
यह स्वच्छता सर्वेक्षण कुल फेज वाइज तीन पार्ट में कराए जाते हैं। इस वर्ष का यह स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू है।
स्वच्छता सर्वेक्षण के फस्ट फेज के प्रथम पार्ट में वाटर प्लस सर्वे का काम पूरा हो गया है।
नगर निगम के जिम्मेदार बताते हैं कि वाटर प्लस सर्वे करने वाली टीम आकर काम पूरा कर चुकी है।
टीम के वार्डवार टीमें बनाकर सीधे पब्लिक से हकीकत की पड़ताल की गई थी।
लोगों के द्वारा जो स्थितियां बताईं गईं मौके से ही टीमें ऑनलाइन अपडेट करती गईं। सर्वे पूरा होने के बाद वाटर प्लस का डाटा लॉक कर दिया गया है।
अब शेष सब सर्वेक्षण यानी हर प्रकार की स्वच्छता एवं गार्बेज यानी कचरा कलेक्शन व झाड़ू आदि लगने का सर्वे शेष है।
बताते हैं कि इसके लिए भी टीम जल्द ही शहर आएगी। इस दोनों पार्ट का सर्वे पूरा होने के बाद शासन स्तर से आने वाली टीम के लोग तीनों वाटर प्लस, व गार्बेज एवं सब सर्वेक्षण का डाटा कम्पाइल करेंगे।
डाटा मर्ज होने के बाद एक साथ स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट एक साथ जारी की जाएगी।
रिपोर्ट जारी होने के बाद ही यह पता चलेगा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में इस शहर की स्थिति क्या है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में एक पार्ट का सर्वे पूरा हो गया हो गया है। बचे हुए दो पार्ट का सर्वे करने के लिए टीम आने वाली है। टीम कब आएगी इस बात की कोई डेट क्लियर नहीं होती। तीनों पार्ट पर हुए सर्वे का कम्पाइल डाटा देखने के बाद रिपोर्ट सीधे ऊपर से ही जारी की जाती है।
उत्तर वर्मा, पर्यावरण अभियंता नगर निगम