प्रयागराज ब्यूरो ।नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) द्वारा डॉक्टरों को जेनेरिक दवाएं लिखने के आदेश पर डॉक्टरों ने आपत्ति जताई है। इस मामले में आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि पहलीे एनएमसी जेनेरिक दवाओं की क्वालिटी पर ध्यान दे, इसके बाद कोई निर्देश जारी करे। कई गंभीर बीमारियों के लिए जेनेरिक दवाएं मौजूद ही नही हैं। इस संबंध में आईएमए ने मंगलवार को एक लेटर जारी कर डॉक्टरों को यथा स्थिति बरकरार रखने के निर्देश दि हैं।
उनका कहना है कि शहरों में पर्याप्त संख्या में प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्र नही खोले जा सके हैं। ऐसे में जेनेरिक दवाएं किसी आधार पर लिखी जाएं, यह भी तय नही हैै। एएमए के सचिव डॉ। आशुतोष गुप्ता का कहना है कि पेंटेट दवाओं को लिखना है या नही यह भी सरकार को तय करना है। सरकार को पूरी तैयारी के साथ इस निर्देश को जारी करना था। वही अन्य डॉक्टर्स का कहना है कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की जेनेरिक दवाएं भी उपलब्ध नही हैं। फिर मरीजों का इलाज कैसे होगा। कहा कि कई दवाएं ब्रांडेड नाम से बिक रही हैं। फिर यह जेनेरिक कैसे हो जाएंगी। अभी इस आदेश का पालन करने की स्थिति नहीं है।