प्रयागराज ब्यूरो ।इलाहाबाद कॉर्डियो वैस्कुलर सोसायटी की ओर से इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) के कंवेंशन सेंटर में दो दिवसीय कार्डियोलाजी सेमिनार का रविवार को समापन हो गया। इस दौरान कॉर्डियोलॉजी, प्रयागराज के निदेशक डॉ। ओमर मुस्तफा हुसैन ने हार्ट में स्टंट डालने स पहले गहनता से जांच किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कैथलैब के इस्तेमाल में छोटी छोटी बरती जाने वाली लापरवाही से मरीज को खतरा हो सकता है।
इससे बेहतर आते हैं परिणाम
उन्होंने कहा कि जांच में आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाना चाहिए। गहन जांच किए जाने से परिणाम बेहतर आते हैं। वहीं नई दिल्ली से आए डॉ। मिलिंद तालेगॉवकर ने कहा कि कॉर्डियोलॉजी यूनिट में डॉक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हार्ट अटैक के मामले में शरीर के दूसरे अंग भी खराब होने लगते हैं। हृदय के साथ-साथ दूसरे अंगों को बचाने में डायलिसिस, वेंटीलेटर, ईकमो आदि मशीनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अगर मरीज समय से अस्पताल पहुंचे और उसे वेंटीलेटर पर रखा जाय तो बीमारी तेजी से ठीक होती है।
वरदान साबित हो रही इकमो मशीन
ईकमो मशीन हार्ट अटैक के मरीजों के इलाज बेहतर परिणाम दे रही है। यह बात गुडग़ांव फोर्टिस हेल्थकेयर के निदेशक डॉ। संदीप देवान ने कही। उन्होंने कहा कि अभी तक यह मशीन गिने चुने शहरों में उपलब्ध है। मगर सरकार को चाहिए कि सभी बड़े अस्पतालों में इस मशीन की उपलब्धता कराई जाये। डॉ। राजेश के पंडित ने कहा कि बिना किसी यात्रा अगर पैरों में सूजन हो और चलने पर सांस फूले तो लोगों को अनदेखी नहीं करना चाहिए। यह हृदय रोग की वजह से हो सकता है। समय से इलाज कराने से मरीज को कॉर्डियक अरेस्ट की समस्या से बचाया जा सकता है।