प्रयागराज ब्यूरो । पांच कैटेगरी की इमारतो को किया गया शामिल
अग्निशमन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक शहर में सौ बहुमंजिला इमारते हैं जिनको एनओसी जारी की जाती है। इसके अलावा नई इमारतों का आवेदन भी आता है।
यह पांच कैटेगरी में हैं। जिनमें मॉल, अस्पताल, रेजिडेंशियल इमारतें आदि शामिल हैं। अभी तक अग्निशमन विभाग के अधिकारी जाकर मानकों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करते थे और इसके आधार पर एनओसी जारी करते थे।
लेकिन इस बार से उप्र फायर एंड इमरजेंसी सर्विस अध्यादेश 2022 को स्वीकृति प्रदान करने के बाद कई नियम में बदलाव हुए हैं। जिसका पालन इसी साल से होना होना है।
किस तरह से होगी प्रक्रिया
आग की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इस नए कानून में एनओसी की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है। बिङ्क्षल्डग खड़ी होने के बाद भवन स्वामी जब एनओसी के लिए अग्निशमन विभाग में आवेदन करेगा, तब उसे किसी एजेंसी से इसकी फायर सेफ्टी आडिट रिपोर्ट भी देनी होगी।
रिपोर्ट मिलने के बाद अग्निशमन विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर इसका स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे। देखेंगे कि जो रिपोर्ट दी गई है, उसमें सभी मानक पूरे किए गए हैं या नहीं।
तय हो जाएगी जिम्मेदारी
अभी तक एनओसी के तहत किए गए मानकों की जांच की जिम्मेदारी केवल अग्निशमन विभाग की होती थी। लेकिन अब इसकी जवाबदेही निजी एजेंसी की भी होगी। एजेंसी को पूरी तरह पारदर्शिता से अपनी जांच रिपोर्ट देनी होगी। अग्निशमन विभाग द्वारा रिपोर्ट सही मिलने पर ही एनओसी जारी किया जाएगा। इसके अलावा एनओसी मिलने के बाद बिङ्क्षल्डग मालिक को वर्ष में दो बार सेफ्टी आडिट करानी होगी। एनओसी के नवीनीकरण के लिए बिङ्क्षल्डग मालिक को तीन वर्ष की आडिट रिपोर्ट दिखानी होगी। इसका भी बिल्डिंग मालिकों को ध्यान रखना होगा।
प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। अब निजी एजेंसी की आडिट रिपोर्ट को महत्वपूर्ण करार दिया गया है। इसकी जांच रिपोर्ट पर हमें भी अपनी आख्या देनी होगी। इसके बाद ही एनओसी जारी होगी। इसका पालन सभी बहुमंजिला इमारतों के मालिकों को करना होगा।
डॉ। आरके पांडेय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रयागराज