प्रयागराज ब्यूरो । शहर के पॉश एरिया चौक घंटा घर पर एडीए अब पीडीए के द्वारा वर्ष 1984 नेहरू काम्प्लेक्स के नाम से कामर्शियल बिल्डिंग बनाई गई थी। उसी समय इस बिल्डिंग में बिजली की वायरिंग और फायर इंस्टीग्यूशर के उपकरण लगाए गए थे। चार मंजिला इस बिल्डिंग की दुकानें व्यापारियों के जरिए अपने नाम अलॉट कराई गईं। दुकानों को अलॉट करने के बाद तमाम व्यापारी यहां अपना व्यापार शुरू कर दिए। बिल्डिंग की दुकानों में लगी आग के बाद फायर ब्रिगेड की टीम कारणों के जांच में जुटी है। फिलहाल तफ्तीश में पाया गया है कि वर्षों पहले की गई वायरिंग के तार कमजोर हो चुके थे। आग से बचाव के लिए लगाए गए फायर इंस्टीग्यूशर के उपकरण भी खराब हो गए। बिल्डिंग की दीवार व पुलिस चौकी की दीवार से सटाकर बिजली विभाग ने ट्रांसफार्मर लगा दिया। पुरानी वायरिंग और उस पर पड़ रही दुकानों की लाइटिंग और एसी आदि के लोड से तार और भी कमजोर हो गए। वर्ष 1984 से अब तक इस बिल्डिंग में अग्नि सुरक्षा को लेकर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। खुद इस कामर्शियल बिल्डिंग को बनाने वाला पीडीए भी सुरक्षा के मानकों को चक करना मुनासिब नहीं समझा। फायर कर्मियों के द्वारा मौके पर पहुंचे डीआईजी फायर ब्रिगेड और आपात सेवा को यह भी जानकारी दी गई कि आग लगने का कारण शार्टसर्किट ही है। बिल्डिंग में आग का धुआं सबसे पहले महिला द्वारा ट्रांसफार्मर साइड से ही दिखा गया था। अब आग बिजली के ट्रांसफार्मर में शार्टसर्किट से लगी थी या फिर वजह दुकान के अंदर हुई शार्ट सर्किट थी। इस बात का पता लगाया जाना अभी शेष है। इसके लिए फायर विभाग की टीम रविवार को दिन भर माथा-पच्ची करने में जुटी रही। उधर डीआईजी फायर ब्रिगेड के द्वारा अविलंब विभाग से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।

आग से असुरक्षित है चौक का इलाका
शहर का चौक घनी आबादी वाला इलाका है। तमाम ऐसे कई मंजिला भवन हैं जिसमें लोग बिजनेस व्यापार करते हैं।
इन भवनों में भी आग से बचाव को लेकर सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं हैं। जानसेनगंज चौराहे से चौक घंटा घर के बीच शाहगंज इलेक्ट्रानिक आइटम की मार्केट है।
मार्केट की बस्ती काफी घनी और गलियां सकरी हैं। तीन से चार मंजिला मकानों में इलेक्ट्रानिक आइटम के गोदाम और दुकानें भी हैं।
मकान काफी पुराने हैं ऐसे में जाहिर है कि वायरिंग भी पुरानी ही होगी। लोग कहते हैं कि यदि कभी यहां किसी मकान में ऐसी घटना हो गई तो हालात काफी भयान होंगे।
शाहगंज इलेक्ट्रानिक मार्केट के आगे घंटा घर तक यही स्थिति है। घंटा पूरे चौक में काफी पुरानी व जर्जर कई फ्लोर की बिल्डिंग में भी व्यापारिक प्रतिष्ठान चल रहे हैं।
अधिकांश भवनों में व्यापारी और उनका परिवार रहता भी है। यह भवन जितने पुराने हैं इनकी वायरिंग भी उतनी ही पुरानी है।
अग्नि से सुरक्षा के भी मुकम्मल इंतजाम नहीं हैं। ऐसी स्थिति में लोगों का मानना है कि यदि इन बिल्डिंगों में कभी ऐसी घटना हो गई तो हालात बदतर हो सकते हैं।


एक बात तो क्लियर है कि आग की वजह शार्टसर्किट ही है। यह पता लगाया जा रहा कि शार्टसर्किट बिल्डिंग के बगल लगे ट्रांसफार्मर में हुई था या दुकान के अंदर। चार मंजिला बिल्डिंग के अंदर लगे फायर इंस्टीग्यूशर सही से काम नहीं कर रहे थे। पूरी रिपोर्ट बना कर जल्द ही शीर्ष अफसरों को भेजा जाएगा।
डॉ। आरके पांडेय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी