प्रयागराज (ब्यूरो)। जीवन ज्योति अस्पताल में आग से एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। आग की घटना से वहां हड़कंप मच गया। आग इलेक्ट्रिक पैनल में लगी। घटना से मरीज, तीमारदार सहम गए। अस्पताल कर्मियों ने आग बुझाने का प्रयास किया, मगर आग बढ़ गई। इस बीच पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग को काबू में किया। आग बुझने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
जीवन ज्योति अस्पताल के पिछले हिस्से में ऑक्सीजन स्टोरेज प्वाइंट है। इसके ऊपर इलेक्ट्रिक पैनल लगा है। जिससे अस्पताल के बड़े हिस्से में बिजली की सप्लाई होती है। दोपहर में करीब सवा तीन बजे इलेक्ट्रिक पैनल से धुआं निकलने लगा। इसके बाद तार सुलगने लगे। पास में ही लगे एसी कंप्रेशर में भी आग लग गई। जानकारी होने पर अस्पताल कर्मी फायर इस्टिंग्यूसर के जरिए और पानी डालकर आग बुझाने लगे। मगर आग रुकी नहीं। इधर, अस्पताल में आग लगने का हल्ला मच गया। ये तो गनीमत रही कि आग अस्पताल के अंदर के हिस्से में नहीं लगी। फिर भी जिस तरह से आग की लपटें उठने लगीं लोग डर गए। पास में ही ऑसीजन सिलेंडर थे। ऐसे में आग भड़कने से बड़ा हादसा हो सकता था। खैर, इस बीच सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच गई। मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस भी आ गई। दमकलकर्मियों ने फायर टेंडर के जरिए करीब दस मिनट में आग को काबू में कर लिया। इलेक्ट्रिक पैनल में आग से अस्पताल के बड़े हिस्से की बिजली गुल हो गई।
चेहरों पर नजर आने लगा खौफ
इलेक्ट्रिक पैनल से धुआं उठने लगा तो किसी ने इसकी जानकारी गार्ड को दी। गार्ड भागकर पहुंंचा तो धुआं देख परेशान हो गया। उसने शोर मचाया। अस्पतालकर्मी जब तक आते तब तक तमाम तीमारदारों की भीड़ जमा हो गई। अस्पतालकर्मी आग बुझाने का इंतजाम करने लगे। इस बीच तीमारदारों के चेहरों पर हवाइयां उडऩे लगीं। आग लगने की खबर अस्पताल में फैल गई। जिसको देखो वही घटना की जानकारी लेने लगा। इस बीच बिजली गुल हुई। कई वार्डों में अंधेरा हुआ तो मरीज भी परेशान हो गए।
आग से हो चुके हैं बड़े हादसे
-चौक में एक दर्जन से ज्यादा दुकानें आग से राख हो चुकी हैं। जिससे करोड़ों का नुकसान व्यापारियों को उठाना पड़ा है।
- धूमनगंज इलाके में आग से मकान मालकिन और दो किराएदार झुलस गए।
- रामबाग में चलती बस में शार्टसर्किट से आग लग चुकी है।
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जीवन ज्योति अस्पताल में इलेक्ट्रिक पैनल में आग लगी थी। फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाई। समय रहते सूचना की वजह से आग को काबू में किया जा सका। वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
आरके पांडेय, सीएफओ फायर ब्रिगेड