- लोक सेवा आयोग के भर्तियों की जांच कर रही सीबीआई की ओर से है ये दूसरी एफआईआर
- एपीएस 2010 भर्ती को लेकर दिल्ली में क्राइम ब्रांच मुख्यालय में दर्ज हुआ मामला
prayagraj@inext.co.in
PRAYAGRAJ: लोक सेवा आयोग में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही सीबीआई ने दूसरी एफआईआर दर्ज करायी है। सीबीआई की ओर से आयोग के पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ व अन्य कर्मचारियों के साथ ही बाहरी लोगों को एफआईआर में शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि एपीएस 2010 भर्ती की जांच में जुटी सीबीआई को साक्ष्य मिलने के बाद एफआईआर दर्ज करायी गई है। सीबीआई की ओर से इसके पहले भी एक एफआईआर दर्ज करायी जा चुकी है। सीबीआई की सक्रियता बढ़ने के साथ ही भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच कराने की मांग कर अभ्यर्थियों व प्रतियोगियों की दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद बढ़ गई है।
28 अभ्यर्थियों की जांच के कारण अटकी है ज्वाइनिंग
लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित एपीएस 2010 भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगने के बाद मामला सीबीआई को दे दिया गया। जांच के कारण अभी भी 28 चयनित अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग अटकी हुई है। जबकि चयनित 222 अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग अपर निजी सचिव उत्तर प्रदेश सचिवालय में पहले ही हो चुकी है। सूत्रों की माने तो जांच के दौरान सीबीआई को हिंदी शार्टहैड की परीक्षा में फेल अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ देने, फर्जी कम्प्यूटर प्रमाण पत्र लेने वाले अभ्यर्थियों को चयनित करने के आरोप में साक्ष्य मिले है। गौरतलब है कि आयोग की ओर से 2010 में उत्तर प्रदेश सचिवालय में 250 अपर निजी सचिवों की भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था। समान्य अध्ययन और सामान्य हिंदी की परीक्षाएं 2013 में आयोजित हुई थी। हिंदी शार्टहैंड और हिंदी टाइपिंग की परीक्षा 2014 में हुई थी। साथ ही कम्प्यूटर ज्ञान की परीक्षा 2016 में हुई थी। फाइनल रिजल्ट 2017 में जारी हुआ था।