प्रयागराज (ब्यूरो)।यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की तीन दिवसीस आईईएस (इंडियन इकनामिक्स सर्विसेज) की परीक्षा का रविवार को समापन हो गया। परीक्षा दो पालियों में आयोजित हुई। पहली पाली में 38 हजार परीक्षार्थियों ने 87 और दूसरी पाली में 40 हजार परीक्षार्थियों ने कुल 91 सेंटर पर परीक्षा दी। इस दौरान फाइनेंस केसवालों ने परीक्षार्थियों का जमकर पसीना छुड़ाया। तापमान घटने के बावजूद उमस से लोग परेशान हुए।
कांसेप्ट बेस्ड थे 50 फीसदी प्रश्न
परीक्षार्थियों ने बताया कि पेपर न तो बहुत कठिन था और न हीें बहुत ज्यादा सरल आया था। पब्लिक फाइनेंस के सवाल थोडा कठिन आए थे। जिस वजह से पेपर हल करने में कठिनाई हुई। पचास प्रतिशत सवाल ऐसे आए थे जो की केवल कान्सेप्ट बेस्ड थे। इसका मतलब की जिन छात्रों का कान्सेप्ट क्लियर था उन्होने इन प्रश्नों को आसानी से कर लिया। बाकी पचास प्रतिशत सवाल सब्जेक्टिव आए थे। उन सवालों को केवल वही छात्र कर पाऐ होंगे जिन्होने गहन अध्ययन किया हो। कुल मिलाकर पेपर मॉडरेट रहा। पेपर मे पर्यावरण अर्थशास्त्र, माईक्रो अर्थशास्त्र के प्रश्न भी आए थेे।
मेरिट पर पड़ सकता है असर
भारतीय अर्थशास्त्र का प्रश्नपत्र काफी लंबा आया था। जिसके चलते बहुत लोगो के प्रश्न छूट भी गये। जिसका असर छात्रों की मेरिट पर पडेगा। भारतीय अर्थशास्त्र मे जितने प्रश्न आये थे.उनमे से कुछ प्रश्न राय पर आधारित प्रश्न थे। कुछ प्रश्न सम सामायिक घटना पर आधारित प्रश्न थे। भारतीय अर्थशास्त्र के प्रश्न को हल करने के लिए सरकारी विचारधारा को जनाना जरूरी था। क्यो की अधिकतर प्रश्न सरकारी विचारधारा से संबंधित प्रश्न आये थे.यदि पेपर की बात की जाए तो पेपर 50-50 था। न तो पेपर बहुत कठिन था और न ही पेपर बहुत सरल था। पेपर मॉडरेट था। सेंटर पर ठंडे पानी की सुविधा थी लेकिन उमस अधिक होने से बार बार प्यास लगती रही।
अभिषेक चौहान छात्र, ट्रांसपोर्ट नगर
भारतीय अर्थशास्त्र प्रशासनिक सेवा के लिए अंग्रेजी आना अनिवार्य है। क्योंंकि इसका प्रश्नपत्र पूर्णरूप से अंग्रेजी मे आता है। जिसके चलते हिंदी माध्यम के छात्रों को प्रश्नपत्र को समझने मे कठिनाई होगी। सार्वजनिक अर्थशास्त्र से प्रश्न आये थे। इसके साथ साथ पर्यावरण अर्थशास्त्र के प्रश्न थोडे अधिक आये थे। सरकार अर्थव्यवस्था में योजना किस प्रकार बनाती है। इससे संबंधित प्रश्न भी आये थे।
उमंग शर्मा, सतना मध्य प्रदेश
पेपर ठीक था। संघ लोक सेवा आयोग ने अपनी साख बरकरार रखी। यह तीन दिवसीय परीक्षा है। तीन दिन मे छ: परीक्षा अर्थात एक दिन मे दो परीक्षा देनी होती है। जिसके चलते बैलेंस बना पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
सत्यम केसरी प्रयागराज
सेंटर पर व्यवस्था ठीक थी। सामाजिक
अर्थशास्त्र के प्रश्न कठिन आए थे। जिन्हे करने मे समस्या का सामना करना पडा।
अगर इस बार चयन नहीें होता है तो अगली बार फिर से प्रयास करेंगे। अगर फिर भी नहीं हुआ तो नेट जेआरएफ के लिए प्रयास करेंगे।
विजय कुमार सिंह कुशीनगर