प्रयागराज ब्यूरो । क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: घर-आंगन में हंस खेल रहे तमाम मासूम बच्चे भी फीवर की गिरफ्त में हैं। फीवर के साथ बच्चों के सीने में जकडऩ और प्लेटलेट्स डाउन होने की भी समस्याएं ढेरों हैं। सीने में जकडऩ और फीवर की वजह से बच्चे ही नहीं उनके परिजन भी परेशान हैं। चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में एडमिट बच्चों में जकडऩ और फीवर का इलाज करने में जुटे डॉक्टर सतर्क भी कर रहे हैं। डॉक्टर बदलते मौसम और बढ़ती इस बीमारी के दिनों में बच्चों को बचाने का फंडा भी तीमारदारों को सुझा रहे हैं। इस बीमारी से सीरियस बच्चे यहां एसएनसीयू में भर्ती किए गए हैं। इस एसएनसीयू वार्ड में भी बेड फुल हो गया है। ओपीडी में भी बच्चों का इलाज कराने के लिए जबरदस्त भीड़ हो रही है। काउंटर की रिपोर्ट पर गौर करें तो हर रोज यहां इलाज के लिए दो से ढाई सौ बच्चों का पर्चा ओपीडी के लिए बनता है। इनमें से करीब डेढ़ सौ बच्चे फीवर और जकडऩ के ही होते हैं। डॉक्टर्स कहते हैं कि इस मौसम में बच्चों की सेहत का विशेष ध्यान देने की जरूरत है।


इस तरह करिए बच्चों की केयर
घर में कहीं से भी आते ही तुरंत बच्चों को नहीं छुएं और न ही उसे गोद में उठाएं
बच्चों को गोद लेने व छूने में हाथ की सफाई पर विशेष ध्यान दें। कपड़े साफ रखें
बच्चों को गीले व गंदे कपड़े नहीं पहनाएं और उनका बिस्तर भी साफ सुथरा रखें
बेड पर मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें, साथ ही ठंडी व गर्म चीजें साथ नहीं दें
दूध भैंस का हो या गाय का उसे अच्छी तरह से ब्वायल करके गुनगुना ही पिलाएं
जिस रूम में बच्चे सोते हैं वहां इस मौसम में कूलर, पंखा और एसी न चलाएं।
चूंकि मौसम थोड़ा ठंडा हो गया है, इस लिए बच्चों के नहाने का पानी गुनगुना रखें
छत या लॉन अथवा कहीं भी खुले में बच्चों को तेल मालिस करने से बचें
इतना करने के बावजूद बच्चा बीमार हो तो बेहर होगा कि खुद से डॉक्टर नहीं बनें
अपने से फीवर की दवा देने के बजाय किसी डॉक्टर को दिखाकर ही उसे दवा दें।



केस-1
लालगंज स्थित बसही खुर्द निवासी श्याम सूरज चिल्ट्रेन हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में बेटी सगुन को एडमिट किए हैं। श्याम सूरज के मुताबिक वह बेटी को लेकर यहां दस दिन से हैं। जांच रिपोर्ट में प्लेटलेट्स 55 हजार आया है। तेज फीवर के साथ सीने में जकडऩ भी था। जकडऩ व फीवर में बहुत राहत नहीं मिली है।

केस-2

खागा फतेहपुर के अहमद हुसैन शहर में रहते हैं। बताया कि बेटी आयत को तीन दिन पूर्व तेज बुखार हुआ। पास के डॉक्टर से इलाज कराए थे। आराम तो नहीं हुआ सीने में जकडऩ भी हो गई। इससे उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। फिर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में लाए। यहां अभी इलाज जारी है, बहुत आराम नहीं हुआ।


केस-3
लालगंज खास के लक्षमण सिंह का बेटा लक्ष्य भी फीवर और सर्दी के साथ सीने में जकडऩ है। इससे वह काफी रो रहा था। यहां एडमिट करने के बाद जकडऩ में सुधार हुआ है। फीवर भी उतर और चढ़ रहा है। कितने दिन लगेंगे यह कह पाना मुश्किल है।

केस-4
हंडिया निवसी रमेश कुमार कहते हैं कि मंगलवार को चौथा दिन है। बच्चा रुद्र सैनी की सेहत में बहुत इंप्रूवमेंट नहीं हुआ है। उसे तेज फीवर के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जांच बाद डॉक्टर सीने में जकड़ की बात बोले हैं। दवा चल रही है।

केस-5
झूंसी के मुस्तकीम अपने बेटे अली अब्बास को एडमिट किए हैं। बताते हैं कि अब्बास को भी तेज फीवर आ रहा है। सर्दी भी काफी तेज है। अभी कुछ आराम नहीं हुआ है। डॉक्टर निमोनिया बता रहे हैं। जांच के लिए ब्लड भेजा गया है रिपोर्ट बुधवार को आएगी।