होली पर बड़ी तादाद में महाराष्ट्र से घर आते हैं लोग
स्वास्थ्य विभाग ने नहीं बनाई कोई प्लानिंग, शहर में फैल सकता है संक्रमण
होली आने में दो सप्ताह का समय बचा है लेकिन अभी तक बाहर से आने वालों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कोई प्लानिंग नहीं बनाई है। दरअसल, त्योहार पर महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में लोग प्रयागराज आते हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी महाराष्ट्र में कोरोना के केसेज तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में जो लोग बाहर से आएंगे उनके साथ संक्रमण आने का खतरा भी बढ़ा है। ऐसे मे उनकी टेस्टिंग और पब्लिक सर्विलांस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कोई प्लानिंग नहीं बनाई है।
ट्रेनों से आती है भीड़
जिले के शहरी और ग्रामीण एरिया में रहने वाले हजारों लोग महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में रहकर रोजगार कर रहे हैं। यह होली और दीवाली पर अपने घरों पर आते हैं। पिछले साल कोरोना फैलने की वजह से बड़ी संख्या में लोग अपने घर गए थे लेकिन इनमें से कई पुन: वापस चले गए है। अब यह होली पर अपने घर आने की कोशिश में लगे हुए हैं। उनकी तैयारी भी हो चुकी है। लेकिन लगातार कोरोना के मामले पुन: बढ़ने से शहर के लोगों में दहशत बढ़ रही है। वह चाहते हैं कि बाहर से आने वालों की तत्काल जांच कराई जाए जिससे वह निश्चिंत होकर त्योहार मना सकें।
लगातार मंडरा रहा खतरा
केरल और महाराष्ट्र में कोरोना फैलने की वजह से अन्य प्रदेशों में संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है। खासकर यूपी और बिहार में अधिक खतरा है। क्योंकि यहां की एक बड़ी आबादी वहां पर टिकी हुई है। लास्ट ईयर कोरोना फैलने के दौरान वहां से प्रयागराज आने वालों की टेस्टिंग की गई थी। जो लोग फरवरी और मार्च में होली के आसपास आए थे उनकी पब्लिक सर्विलांस के जरिए जानकारी लेकर घर-घर जांच की जा रही थी। इस बार भी वही सीन बन रहा है लेकिन प्लानिंग नदारद है।
सता रहा नए स्ट्रेन का डर
बता दें कि इस साल कोरोना के नए स्ट्रेन से लोग डरे हुए हैं। यह तेजी से फैलता है और इसके संक्रमण की फ्रिक्वेंसी बहुत ज्यादा है। पुराने स्ट्रेन के मुकाबले इसमें संक्रमित व्यक्ति अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। हालांकि एक ओर सरकारी वैक्सीनेशन करवा रही है लेकिन जिले की आबादी के हिसाब से अभी तक हुआ वैक्सीनेशन काफी कम है।
अभी तक हमारी इस मामले में कोई स्ट्रेटजी नहीं बनी है। उच्च अधिकारियों से बात करके महाराष्ट्र से आने वालों पर नजर रखी जाएगी। उनकी कोविड जांच भी कराई जाएगी।
डॉ। राहुल सिंह
डीएसओ, स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज