कस्टमर की परमिशन के बिना एकांउट से पैसा कटने के बाद बना दी जा रही एफडी

साइबर शातिर हर दिन नए हथकंडे के साथ सामने आ रहे हैं। सिर्फ एक मकसद है एकाउंट खाली कर देना। इसमें नया तरीका सामने आया है एकाउंट होल्डर की जानकारी के बिना एफडी के लिए पैसा ट्रांसफर कर लिया जाना। इसके बाद कस्टमर को फोन करके जानकारी देना। कस्टमर ने गलती से कह दिया कि वह एफडी कराने में इंट्रेस्टेड नहीं है तो शुरू हो जाता है साइबर खिलाडि़यों का खेल। एफडी निरस्त करने के लिए वह मोबाइल पर ओटीपी भेजने की बात करते हैं। गलती से आपने यह ओटीपी उनसे शेयर कर दी तो आपका खाता खाली हो जाना तय है। गुरुवार को साइबर टीम ने एक एकाउंटधारक के खाते से करीब डेढ़ लाख रुपये का ट्रांजैक्शन रोकवाने के बाद यह खुलासा किया। इसके बाद दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने अपने रीडर्स को अॅवेयर करने के लिए इस नए हथकंडे को पूरी बारीकी से समझने का प्रयास किया। संभव है कि आप के पास भी इस तरह के मैसेज आ रहे हों। इस पर रिएक्ट करने से पहले इस पूरी जानकारी को जरूर पढ़ लें।

कैसे काम कर रहे साइबर शातिर

साइबर क्रिमिनल कस्टमर की आईडी और पासवर्ड हैक कर लेते हैं

कस्टमर को सूचना दिये बिना वह एक अमाउंट एफडी में शिफ्ट कर देते हैं।

यह धनराशि एकाउंट होल्डर के खाते से माइनस हो जाती है

एकाउंट से पैसा कटते ही। साइबर शातिर कस्टमर को जाल में फंसाने के लिए कॉल करते हैं

एफडी के बारे में जानकारी देते हैं और इसे जरूरत न होने पर कैंसिल करने के लिए कहते हैं

कस्टमर द्वारा एकाउंट बैलेंस चेक किया जाता है तो पैसा कटा हुआ शो होता है, इससे वह साइबर शातिर के झांसे में आ जाते हैं

उसके बाद कैंसिल एफडी का पैसा रिटर्न करने के लिए साइबर शातिर द्वारा एक ओटीपी पेमेंट रिसीव का भेजा जाता है।

छोटे-छोटे आमउंट का पेमेंट रिसीव ओटीपी कस्टमर के मोबाइल नंबर पर जाता है।

छोटे-छोटे अमाउंट का पेमेंट रिसीव होने के बाद अचानक से एक ओटीपी बड़े अमाउंट का पेमेंट ट्रांसफर होने के भेज दिया जाता है।

यह ओटीपी शेयर करते ही कस्टमर का खाता खाली कर दिया जाता है

ऐसा ही टीचर सरेंद्र कुमार के साथ हुआ। गनीमत रही कि वक्त रहते ही प्रयागराज साइबर क्राइम पुलिस द्वारा 1 लाख 58 हजार रुपये को रुकवा लिया गया।

उसके बाद उसके एकाउंट में पूरा रकम वापस कराया गया। पीडि़त करछना में टीचर है।

उसका एकाउंट लाल तारा ब्रांच मेजा में है। पैसा वापस आने पर उसने साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार तिवारी की टीम बधाई दी।

साइबर अपराध से बचने के उपाय

ओटीपी किसी से साझा न करें

अगर कोई आपको कॉल कर रहा है और वह आपके बैंक से बोल रहा है तो अपनी शाखा में जाएं और डिटेल लें

बैंक की तरफ से इस तरह की कोई कॉल नहीं की जाती है

समय-समय पर अपना अकाउंट बैलेंस चेक करते रहे

अपना पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें

जन्म तिथि, मोबाइल नंबर को पासवर्ड कतई न बनावें

संवेदनशील दस्तावेज जैसे आधार, पैन कार्ड आदि किसी भी अनजान व्यक्ति को साझा न करें

किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले सोचें व किसी भी रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन को जैसे टीम व्यूअर, ऐनीडेस्क डाउनलोड न करें

साइबरबैट से सुरक्षित रहने का एकमात्र तरीका साइबर जागरुकता है। सावधान रहें सतर्क रहें। किसी भी व्यक्ति से ओटीपी खासतौर पर साझा न करें। पेमेंट रिसीव व पेमेंट ट्रांसफर पर ओटीपी मैसेज जरूर पूरा पढ़े।

राजीव तिवारी

प्रभारी, साइबर क्राइम थाना