प्रयागराज ब्यूरो ।इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मंगलवार को छात्र नेता आदर्श भदौरिया ने पुलिस पर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी। उन्होंने कहा कि वह यूनिवर्सिटी के कन्वोकेशन में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का विरोध कर रहे थे। इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो पुलिस ने उन पर दबाव बनाने के लिए पिता को हिरासत में ले लिया है। यहां उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की तो हंगामा खड़ा हो गया। उनके समर्थन में कुछ और छात्र खड़े हो गए तो यूनिवर्सिटी प्रशासन के कान खड़े हो गये। मामले को सलटाने के लिए पुलिस ने आदर्श को ही हिरासत में ले लिया और बाकियों को हटा दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ। देर रात तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि आदर्श का पुलिस ने चालान किया है या उसे छोड़ दिया गया है।

दबाव बनाने का यह कौन सा तरीका

आदर्श भदौरिया एबीवीपी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। वह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र संघ बहाली के लिए हुए आंदोलन में शामिल रहे हैं और अभी भी इसकी बहाली की मांग उठाते रहते हैं। पिछले सप्ताह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की तरफ से कन्वोकेशन की डेट घोषित कर दी गयी। इसमें चीफ गेस्ट के तौर पर सीएम योगी को बुलाने का पता चला तो उन्होंने विरोध दर्ज करा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह यूनिवर्सिटी कैंपस के 'सांप्रदायीकरणÓ का प्रयास है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने छात्रों के बिना कन्वोकेशन कराने पर भी सवाल कराये थे और सोशल मीडिया पर भी पोस्ट डाली थी। आदर्श का कहना है कि इसी के चलते पुलिस एक्टिव हो गयी थी। वह बुधवार को होने जा रहे कन्वोकेशन का विरोध न कर सकें, इसके लिए पुलिस ने सीधे उनके घर पर ही धावा बोल दिया। आरोप लगाया कि उनके पिता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। आदर्श के आरोप जानने के बाद कुछ छात्र भी कैंपस में जुटने शुरू को गये थे। हालैंड हाल के आसपास के एरिया में तनाव की स्थिति बन गयी। इसकी जानकारी होने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। आरोप है कि पुलिस ने पहले सबको अरदब में लेकर हटाने की कोशिश की। इसके बाद आदर्श और उनके समर्थक पुलिस आयुक्त के पुराने कार्यालय पहुंच गए। वहां आदर्श ने चाकू से आत्मदाह की धमकी देते हुए अपने पिता को रिहा करने की मांग की।

लाठी पटकर हटाया पुलिस ने

इस दौरान पुलिस ने लाठियां फटकार कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया। आदर्श और उनके करीब 10 समर्थकों को हिरासत में लिया और उनको घसीटते पुलिस आयुक्त कार्यालय के अंदर ले जाया गया। इस पर कार्रवाई क्या की गयी यह समाचार लिखे जाने के समय तक पता नहीं चल पाया था। उधर, पुलिस अधिकारियों का कहना था कि जिले में वर्तमान समय में निशेधाज्ञा लागू है। परमिशन लेकर ही भीड़ को जुटाया जा सकता है। अशांति फैलाने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती, इसलिए सभी को उठाया गया था।