ट्रेन चलने पर महिला के हाथ से छूट कर रेलवे ट्रैक पर गिर गयी थी बच्ची
प्रयागराज जंक्शन पर शनिवार दोपहर चलती ट्रेन पर चढ़ने के चक्कर में मौसी के हाथ से पांच साल की बच्ची छूट गई। प्लेटफार्म पर गिरने के बाद बच्ची रेलवे ट्रैक पर चली गई। ट्रेन रफ्तार पकड़ रही थी और बच्ची रो रही थी। यह मंजर देख वहां मौजूद हर शख्स के रोंगटे खड़े हो गए। इसे ईश्वर का करिश्मा ही कहा जाएगा कि वह सलामत रही। आनन-फानन जीआरपी के जवानों ने चेन पुलिंग करवाकर बच्ची को बाहर निकाला।
रीवा का रहने वाला है परिवार
मध्य प्रदेश के रीवां जिले के जवा इलाके के भखरवार गांव निवासी राम रहीम कोल अपने परिवार के साथ राजस्थान के जोधपुर में रहकर मजदूरी करते हैं। कोरोना संक्रमण बढ़ने पर परिवार के साथ घर लौट आए थे। शनिवार को पत्नी पूनम, पांच साल की बेटी सीमा समेत कुछ रिश्तेदार व गांव के लोगों के साथ जोधपुर जाने के लिए प्रयागराज जंक्शन पर लगभग 12.30 बजे पहुंचे। 02387 हावड़ा-बीकानेर स्पेशल प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी थी। तब तक वह वहां पहुंचे तो गाड़ी चल दी। उन्हें जनरल कोच में बैठना था। ट्रेन की गति तेज हो चुकी थी। राम रहीम और उनकी पत्नी समेत अन्य लोग रुक गए। बच्ची को गोद में उठाकर उसकी मौसी ने चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश की। कोच के गेट पर पैर फिसलने से बच्ची मौसी के हाथ से छूट गई। प्लेटफार्म पर गिरने के बाद बच्ची रेलवे ट्रैक पर चली गई। सूचना मिलने पर जीआरपी के एसएसआइ सुधीर पांडेय, एसआइ अजीत शुक्ला और प्लेटफार्म डयूटी पर तैनात एसआइ ममता यादव तत्काल वहां पहुंचे। उन्होंने यात्रियों को चेन खींचने का इशारा किया। चेन पुलिंग करने पर गाड़ी रुकी तो रो रही बच्ची को जीआरपी ने सुरक्षित बाहर निकाला। उसके माता-पिता ने रेलवे पुलिस का आभार जताया।