प्रयागराज ब्यूरो । अतीक अहमद और अशरफ की बदनसीबी ने दोनों से अपनों के हाथ की मिट्टी तक का हक छीन लिया। आखिरी सफर में दफन पति अतीक की अर्थी पर पत्नी शाइस्ता परवीन खुलकर आंसू भी नहीं बहा पाई। अतीक अहमद को अपने चार बेटों और अशरफ को भतीजों का कंधा तक नसीब नहीं हो सका। बाल संरक्षण गृह में दाखिल उसके दो अवयस्क बेटे भी पिता के जनाजा में शामिल नहीं हो सके। पुलिस की इस गैर इंसानियत भरी तस्वीर देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं। कहना था यदि पुलिस चाहती तो कम से कम दोनों नाबालिग बेटे तो पिता को आखिरी बार देख ही सकते थे।

यह सब देख नम हुईं लोगों की आंखें
सभी को उम्मीद थी कि मौत के घाट उतारे गए अतीक और अशरफ को कंधा देने के लिए पुलिस उनके बेटों को जरूर लाएगी। कयास लगाए जा रहे थे कि उमेश पाल मर्डर केस की वांछित 50 हजार की इनामी अतीक की पत्नी पति को आखिरी बार देखने के लिए आ सकती है। एक बुर्कानशी महिला को रोते देखकर इलेक्ट्रानिक मीडिया ने खबर चला कि शाइस्ता वहां पहुंची थी और फफक कर रो रही थी। लेकिन, पुलिस की तरफ इसकी पुष्टि नहीं की गयी है। महिला कौन थी, इसका पता नहीं चल पाया है। माहौल को भांपते हुए पुलिस ने कोई रिस्क नहीं लिया। नाते रिश्तेदारों ने अतीक ब्रदर्स की बॉडी को दफना दिया। देवरिया जेल कांड में नामजद अतीक का बड़ा बेटा उमर लखनऊ की जेल में बंद हैं। जबकि रंगदारी के मामले में मो। अली नैनी जेल में है। उसके दो नाबालिग बेटे जेल के बाहर मां के साथ थे। उमेश पाल में नाम आने के बाद मां शाइस्ता परवीन भी गिरफ्तारी से बचने के लिए छिप गई। ऐसी स्थित में धूमनगंज पुलिस ने दोनों को बाल संरक्षण गृह में दाखिल करा दिया है। उमेश पाल मर्डर केस में गुरुवार को अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम को पुलिस ने ढेर कर दिया है। असद की मौत के बाद उसके चार बेटे अब भी हैं। लोगों का कहना था कि यह किस्मत का ही खेल है कि अतीक को बेटों व अशरफ को भतीजों का कंधा तक नहीं नसीब नहीं हुआ।