प्रयागराज (ब्यूरो)। बात पूजा पाठ की हो या फिर नमाज की जगह नहीं आस्था और विश्वास मायने रखता है। नैनी सेंट्रल में जेल में बंद सैकड़ों बंदी इस बात के पुख्ता उदाहरण हैं। अपने किए की सजा जेल में काट रहे सैकड़ों बंदी रोजा रखकर अल्लाह से तो नवरात्र व्रत के जरिए मां भगवती से गुनाहों की माफी मांग रहे हैं। जेल प्रशासन की मानें तो 1532 हिन्दू बंदी ऐसे हैं जिन्होंने नवरात्र के पहले दिन व्रत रखकर देवी मां की पूजा अर्चना की। इनमें से 516 बंदी ऐसे हैं जिन्होंने पूरे नौ दिन का व्रत रखा है। व्रत रखने वाले अन्य बंदी सिर्फ चढ़ी और उतरती ही व्रत रहते हैं। जेल के अंदर व्रत रखने वालों में पुरुषों के साथ महिलाएं बंदी भी शामिल हैं। पूरे नौ दिनों तक व्रत रखने वालों में ज्यादातर संख्या महिला बंदियों की ही है। इन बंदियों की आस्था को देखते हुए जेल में पूजा पाठ के लिए अलग से प्रबंध किए गए हैं। इन व्रत रखने वाले बंदियों के लिए फलाहार में 500 ग्राम आलू, तीन केला, 250 ग्राम दूध और 100 ग्राम चीनी दिया जा रहा है।


रोजेदारों के लिए खजूर का इंतजाम
मुस्लिम समाज में रमजान के महीने को काफी खास और पाक माना जाता है।
उनके मुताबिक इस महीने में रोजा रखने वालों पर अल्लाह की खास रहमत बरसती है।
वह नियमित रोजेदार के गुनाहों को भी माफ कर देते हैं।
शायद यही वजह है कि नैनी सेंट्रल जेल में बंद होने के बावजूद 450 बंदी ऐसे हैं जो रमजान का रोजा पहले दिन से ही रह रहे हैं।
जेल में रोजा रखने वाले इन बंदियों के लिए भी जेल प्रशासन द्वारा 200 ग्राम दूध, तीन केला, 30 ग्राम खजूर, एक नीबू, एक पाव रोटी, तीन बिस्किट व 50 ग्राम बर्फ के इंतजाम किए जा रहे हैं।
इस तरह जेल सजा काट रहे यह बंदी रोजा रखकर अपने गुनाहों की माफी अल्लाह से मांग रहे हैं।

बंदी रोजा रखने वाले हों या फिर नवरात्र का व्रत, सभी के लिए उनके व्रत को ध्यान में रखते हुए नाश्ते का प्रबंध किया जा रहा है। रोजा व व्रत रखने वाले बंदियों को पूजा पाठ व नमाज में कोई दिक्कत नहीं हो इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है।
पीएन पांडेय
वरिष्ठ जेल अधीक्षक नैनी सेंट्रल जेल