प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इस साल माघ मेले में कल्पवास चार जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ शुरू हुआ था और रविवार को माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ समाप्त हो गया। लेकिन यह एक माह कल्पवासियों के लिए नए रिश्ते गांठने जैसा रहा था। सेक्टर पांच की रहने वाली सुल्तानपुर की परागी तिवारी और अमेठी की लालो मिश्रा के बीच भी यही हुआ। इनके परिवारों के बीच घनिष्ठ संबंध हो गए और रविवार को विदाई के दौरान सभी भावुक थे। हालांकि अगले साल भी उन्होंने साथ में टेंट लगाकर कल्पवास करने का फैसला किया है।

दस लाख ने लगाई पुण्य की डुबकी
माघी पूर्णिमा पर्व पर दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। बता दें कि भद्रा शनिवार की रात नौ बजे से लग गया था और यह सुबह नौ बजे तक चला। इस बीच स्नान करने वालों की संख्या अधिक रही। इसके बाद दोपहर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर स्नान किया। शाम तक यह क्रम चलता रहा। अगला स्नान महाशिवरात्रि 18 फरवरी को है। इस दिन भी लाखों लोग संगम में डुबकी लगाएंगे।

लौटने लगे कल्पवासी तो लगा जाम
सुबह डुबकी लगान के बाद कल्पवासियों का रेला घरों को लौटने लगा। इसके चलते सड़कों पर जाम लग गया। पांटून पुल जाम हो गए तो पुलिस ने बाहर से आने वाले वाहनों पर रोक लगा दी। कल्पवासिायों की वापसी पर झूंसी, फाफामऊ, नैनी और रीवा रोड पर जाम लग गया। लोगों को रामबाग से अंदावा मोड़ तक पहुंचने में तीन घंटे का समय लग गया। इससे लोग परेशान हो गए। कुल मिलाकर एक बार फिर ट्रैफिक प्लान फेल होता नजर आया। रायबरेली से आए कल्पवासी महेंद्र नाथ ने बताया कि वह सोमवार को घर जाएंगे। सोमवार को उनकी वापसी का दो मुहूर्त है।

जाने से पहले लिया गुरुमंत्र
इतना ही नही बहुत से कल्पवासियों और उनके परिजनों ने माघ मेला से निकलने से पहले अपने गुरु से गुरुमंत्र भी लिया। माना जाता है कि गुरुमंत्र लेने के बाद मनुष्य द्वारा किया गया पूजा पाठ और दान सीधे भगवान तक पहुंचता है। इसके चलते लोगों ने गुरु मंत्र लेने के साथ दान पुण्य भी किया। बहुत से लोगों ने गुरुमंत्र लेने के साथ प्याज-लहसुन व व्यवसन छोडऩे का भी संकल्प लिया।

काली मंदिर में हुई पूर्णिमा पूजा
रविवार को माघी पूर्णिमा के अवसर पर बादशाही मंडी नारायण सिंह नगर स्थित मां सिद्धेश्वरी काली मंदिर में पूर्णिमा पूजा का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां काली की विधि विधान से पूजा अर्चना की। उनसे विश्व शांति की कामना की। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भोग प्रसाद भी वितरित किया गया। कार्यक्रम में पुरोहित लौकी कांत मिश्रा, मनोष नाग, कोनिका दास, पुरोबी घोष, सुमिता बोस, संध्या जाना, बुबुन, श्रुति बोस, बौशाखी घोष, मिसेज मुखर्जी सहित अन्य भक्त उपस्थित रहे।