डेंगू और टायफाइड से जंग जीतने के बाद पायी कोरोना पर विजय
कोरोना महामारी का एक तरफ जहां प्रकोप बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कोरोना पर अपनी इच्छा शक्ति के दम पर विजय पाने वालों के हौसले भी बुलंद हैं। कीडगंज के अभिषेक श्रीवास्तव की कहानी भी ऐसी ही है। फरवरी से ही वह बीमारियों से जंग लड़ रहे हैं। अभिषेक ने बताया कि पहले डेंगू ने अपनी चपेट में लिया। लंबे संघर्ष के बाद डेंगू से निजात मिली। उसके बाद से ही बॉडी काफी टूट गई थी। वीकनेस लगातार बनी रही। इसी बीच अप्रैल में कुछ दिक्कत हुई। डाक्टर को दिखाया तो उन्होंने टायफायड का टेस्ट कराया। टेस्ट में टायफायड निकला। उसका इलाज चल ही रहा था कि अचानक महक गायब हो गई। सुगंध गायब होने के कारण मन में शंका हुई। जिसके बाद वाइफ की सलाह पर डाक्टर से बात की। उन्होंने कोविड टेस्ट कराने की सलाह दी। टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। जिसके बाद पूरी फैमली में डर फैल गया। उसके बाद भी फैमली ने हिम्मत नहीं हारी और पूरे समय मेरी हर संभव मदद करती रही।
होम आइसोलेट होकर कराया इलाज
अभिषेक बताते हैं कि जब उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी तो उन्होंने सबसे पहले अपनी वाइफ और बच्चे को खुद से अलग कर लिया। घर के ही सबसे एकांत में बने रूम में शिफ्ट हो गए। हालांकि घर के किसी दूसरे मेंबर ने अपना टेस्ट नहीं कराया। क्योंकि किसी को कोई सिमटम नहीं आ रहे थे। उन्होंने बताया कि डाक्टर्स ने दवाओं की लिस्ट दी और क्या-क्या करना है। उसका पूरा चार्ट दे दिया। क्योंक पहले से ही वीकनेस थी। तो उस समय कुछ भी करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। फिर भी खुद को भरोसा दिलाया कि कोरोना को हराना है।
योग और ध्यान से मिली ऊर्जा
अभिषेक बताते हैं कि इस दौरान नियमित रूप से योग और ध्यान करते थे। साथ ही ब्रीथिंग एक्सारसाइज भी रूम में बैठकर करते थे। जिससे सांस लेने में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो सके। पूरे समय पॉजिटव सोच के लिए अच्छी किताबें पढ़ते थे। जिससे किसी भी प्रकार की निगेटिविटी हावी ना हो सके। उन्होंने बताया कि बीते 2 मई को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी है। बताया कि पाजिटिव होने के दौरान सबसे ज्यादा हौसला वाइफ ने दिया उसने कभी मॉरल डाउन नहीं होने दिया।