- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रेलमंत्री, नीति आयोग एवं मुख्यमंत्री को पार्षद ने लिखा पत्र
- बारा पावर प्लांट को यमुना नदी के बजाय शोधित जल की कर सकते हैं सप्लाई
भू-जल दोहन की वजह से लगातार गिर रही वॉटर लेवल पर चिंता जताते हुए अलोपीबाग वार्ड के पार्षद कमलेश सिंह ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रेलमंत्री, नीति आयोग, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व कमिश्नर को एक लेटर भेज सुझाव दिया है कि यदि प्रयागराज के गिरते वॉटर लेवल पर एक्टिव नहीं हुए तो भविष्य पानी का भयंकर संकट उत्पन्न हो जायेगा। उन्होंने तर्क देते हुए लिखा है कि बारा थर्मल पावर प्लांट विद्युत बनाने के लिये 96 क्यूसिक जल यमुना से पर-डे निकाल रहा है। अगर बारा थर्मल पावर प्लांट को नुमायाडी, कोडरा और पोंगहट एसटीपी का शोधित पानी भेजा जाय तो यमुना की अविरलता भी बनी रहेगी और हमारा द्वितीय वाटर वर्क्स में उपयोग हो जायेगा।
तीसरी रेल लाइन से मिलेगा हेल्प
पार्षद ने लिखे पत्र में बताया कि मुगलसराय से तीसरी रेल लाइन बनायी जा रही है। बारा थर्मल पावर प्लांट से यमुना का जल लेने के लिये पाइप लाइन बिछी हुई है। अगर बक्शीमोढ़ा की तरफ से तीसरी लाइन के साथ पाइप डाल दी जाय तो एसटीपी से निकल रहे शोधित जल को यमुना पार भेजा जा सकता है और बारा थर्मल पावर प्लांट की पाइप लाइन से जोड़कर विद्युत बनाने के काम में लिया जा सकता है। उसके बाद उस पानी को शंकरगढ़ में सिल्कासेंट की धुलाई में उपयोग किया जा सकता है।
रेनवॉटर हारवेस्टिंग कागजों में ही सीमित
पार्षद के अनुसार भूमिगत जलाशय, तालाबों एवं पोखरों के साथ झीलों के उद्धार के लिये विधेयक बनते है लेकिन धरातल पर न इसका अनुपालन होता है और न ही वर्षा का जल संचयन हो रहा है। इसलिये वर्षा का संचयन और रेनवाटर हारवेस्टिंग सिस्टम होना जरूरी है। सरकारी कार्यालय भी वर्षा के जल का संचयन नहीं हो रहा। प्राधिकरण केवल धन जमाकर अपने कार्यो से मुक्त हो रही है। बताया कि स्मार्ट सिटी में कहीं भी भू-जल संग्रह की योजना जो जलाशय सीमा विस्तार में आये हैं उन्हें पुन: जीवित किया जाय, जिससे नलकूपों द्वारा जो भूजल दोहन हो रहा है, उससे जलस्तर कम न हो पाये।
शोधित कर ऐसे भी कर सकते हैं उपयोग
पार्षद ने लिखे पत्र में यह भी सुझाव दिया है कि अगर प्रदूषित शोधित जल का उपयोग बहुमंजली इमारतों के निर्माण, रेलकोचों की धुलाई, प्लेटफार्मो की धुलाई, खेतों में सिंचाई, नगर के पार्को की सिंचाई एवं अग्निशमन फायर हाइड्रेट तालाबों में पालीलियर बिछाकर और नदियों के किनारे बालू पर जल को एकत्र कर उपयोग करने से नदियां भी प्रदूषित होने से बचेगी और प्रदूषित जल का सदुपयोग होगा। इससे पेयजल संकट भी दूर होगा और तब नदियों से शुद्धजल की अविरलता बनी रहेगी और पृथ्वी रिचार्ज होती रहेगी।