प्रयागराज (ब्यूरो)। आर्य समाज से मैरिज के फेक सर्टिफिकेट मामले में की तफ्तीश में पुलिस ने अब कदम आगे बढ़ा दिया है। गिरफ्तार इस गैंग के दो गुर्गों के बरामद मोबाइल के मैसेज व अन्य तमाम चीजों की भी पुलिस जांच कराएगी। जांच अफसरों का मानना है कि मोबाइल की सर्चिंग से इस खेल से जुड़े कई बड़े खिलाडिय़ों के चेहरे बेनकाब होंगे। गिरफ्तार दोनों आरोपितों ने पुलिस को बताया था कि उनके मोबाइल पर प्रिंट के लिए वह सर्टिफिकेट पीडीएफ के रूप में भेजा जाता था। इस लिए अब पुलिस उन दोनों के मोबाइल में उस पीडीएफ को भेजने वाले लोगों को सर्च करने में जुट गई है। यदि ऐसा है तो जो लोग उन्हें पीडीएफ भेजे होंगे, इस मामले में उनकी भी गर्दन का फसना करीब तय है।
रजिस्ट्रार से मांगी रिपोर्ट
इस अति गंभीर प्रकरण में पुलिस द्वारा अब तक की गई जांच में कुछ नए फैक्ट्स सामने आए हैं। पुलिस विभाग के कुछ अफसरों की दबी जुबान पर भरोसा करें तो लखनऊ में आर्य समाज सभा का मुख्यालय है। इसी संस्था के जरिए जनपदों में शाखाओं को स्थापित किया जाता है। मगर मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने के लिए जनपदों की संस्थाओं को रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत कराना पड़ता है। प्रयागराज में ऐसी कुल 31 संस्थाओं की सूची लखनऊ आर्य समाज सभा कार्यालय से पुलिस को मिली है। जिसमें दो संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन वर्ष 2023 तक रजिस्ट्रार कार्यालय में था। इन संस्थाओं को एनुअल स्टेटमेंट रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा करना होता है। हालांकि जिन दो आर्य समाज संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार कार्यालय में था उसका रिन्यूवल नहीं कराया गया है। अब पुलिस संस्थाओं को रजिस्टर्ड करने वाले रजिस्ट्रार कार्यालय को पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि विभाग में रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाली संस्थाओं के प्रति उनके द्वारा अब तक क्या कार्रवाई की गई। यदि एनुअल स्टेटमेंट दिया गया तो उसकी डिटेल क्या है और नहीं दी गई तो विभाग ने उन संस्थाओं कार्रवाई की या फिर नहीं।
क्या है सर्टिफिकेट बनाने के नियम
मैरिज सर्टिफिकेट जाने करने वाली संस्थाओं को संस्था पंजीकरण एक्ट के तहत कई सख्त नियमों को पालन करने के निर्देश हैं। इन नियमों में संस्था जिस युगल का मैरिज करवाएगी उसका बाकायदे शादी की फोटो भी खिंचवाएगी। हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत शादी कराने के लिए सात फेरों जैसे नियमों का पालन करना जरूरी होता है। फेरों का बाकायदे रिकार्ड के लिए फोटो भी संस्थाओं को रखना होता है। यदि हिन्दू मैरिज एक्ट के इन नियमों का पालन नहीं कराया गया तो पुलिस अफसरों के मुताबिक नियमानुसार शादी मान्य नहीं मानी जाएगी। मतलब यह कि अब आर्य समाज की उन संस्थाओं को यह सारे जवाब व रिकार्ड पुलिस को देने होंगे जिन्होंने आर्य समाज से मैरिज का सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट जारी किया होगा।
प्रकरण में कई एंगल से जांच की जा रही है। गिरफ्तार किए गए गैंग दोनों सदस्यों के मोबाइल की भी जांच कराई जाएगी। उनके मोबाइल पर जिन-जिन लोगों ने इस फेक मैरिज सर्टिफिकेट का पीडीएफ भेजा होगा मिले मोबाइल नंबरों से उन्हें सर्च करके गिरफ्तार किया जाएगा। ऐसे लोगों से भी पूछताछ की जाएगी कि उन्हें यह फर्जी प्रमाण पर कहां से और कैसे मिले थे।
अभिषेक भारती डीसीपी नगर