प्रयागराज (ब्यूरो)। पुलिस के मुताबिक शिवकुटी में राजकुमार वर्मा ने 27 जून 2019 को केस दर्ज कराया था। बताया था कि बाइक सवार बदमाश उनकी पत्नी जया की चेन लूटकर भाग गए। तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज हुआ। इस बीच विवेचक को खबर मिली कि कुछ लूटेरे कर्नलगंज पुलिस द्वारा पकड़े गए हैं। विवेचक कर्नलगंज थाने जाकर धूमनगंज गयासुद्दीनपुर मोहल्ले के संतोष रावत और कमलेश गौतम का बयान लिया। उसने लिखा कि संतोष के कब्जे से लूटी गई चेन, छह हजार रुपये व मोबाइल मिले हैं। आरोपितों ने लूट की आठ घटना को अंजाम दिया है। लूटी गई ज्वैलरी संतोष सोनी के पास बेचाता था। विवेचना पूर्ण कर शिवकुटी पुलिस आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर दी। उस वक्त संतोष रावत नैनी सेंट्रल जेल में पहले से था। जब अधिवक्ता ने जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया तो फर्जी गिरफ्तारी के खेल का खुलासा हो गया। सुनवाई के समय जेल अधीक्षक ने कोर्ट से अपनी रिपोर्ट में कहा कि संतोष रावत 17 मई से एक जुलाई 2019 तक जेल में बंद था। इस बीच उसे पेशी पर भी नहीं लगाया। यह देखते हुए अदालत ने संतोष को बरी कर दिया और फर्जी गिरफ्तारी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था। फर्जी गिरफ्तारी में तत्कालीन इंस्पेक्टर कर्नलगंज अरुण त्यागी, चौकी इंचार्ज मम्फोर्डगंज, शिवकुटी थाने का एक दारोगा व चार सिपाही का नाम सामने आया है।

मामले में कोर्ट से केस दर्ज करने के आदेश मिले थे। कोर्ट के आदेश में शिवकुटी में यह मामला दर्ज किया गया है।
अजीत सिंह चौहान, सीओ कर्नलगंज