प्रयागराज (ब्यूरो)।कचहरी परिसरों में फर्जी वकीलों की अब खैर नहीं है। मुवक्किलों में वकीलों की गिरती साख की समस्या को बार काउंसिल ने गंभीरता से लिया है। फर्जी वकीलों के चलते वकालत का पेशा बदनाम हो रहा है। हाल ये है कि लॉ में एडमीशन लेने वाले युवा भी काला कोट पहन कर कचहरी पहुंच जा रहे हैं। बार काउंसिल ने फर्जी वकीलों के मामलों को लेकर गंभीर रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया है। बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन ने अपील जारी की है कि साथी अधिवक्ता फर्जी वकीलों को रोकें।

समस्या बनते जा रहे हैं फर्जी वकील
बार काउंसिल के वाइस चेयर मैन जय नारायण पांडेय का पत्र इस बात की तस्दीक करता है कि फर्जी वकील समस्या बनते जा रहे हैं। इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि समस्या इतनी बड़ी न होती तो बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन को पत्र न लिखना पड़ता। दरअसल, होता ये है कि लॉ स्टूडेंट्स की बात तक तो ठीक है कि वे पढ़ाई के साथ प्रैक्टिकल भी कर लेना चाहते हैं। समय बचेगा इससे। पढ़ाई के साथ समय निकालकर किसी सीनियर के अंडर में वकालत सीखने से उनका मांइड सेट होगा।

वाइस चेयर मैन ने जारी की अपील
कहते हैं कि पढ़ा लिखा व्यक्ति अभद्रता नहीं करता। ऐसे में जबकि अधिवक्ता समाज को बेहद प्रतिष्ठित और साक्षर माना जाता है। उनके समाज के बीच से अक्सर बवाल की खबर आने से बार काउंसिल चिंतित है। कई बार ये भी चर्चा में आया कि फला जगह बवाल में शामिल अधिवक्ताओं में कई रजिस्टर्ड नहीं थे। ऐसे में अभद्रता करने वाले तमाम वकील बार काउंसिल के टारगेट पर हैं। काउंसिल के वाइस चेयरमैन जननारायण पांडेय ने पत्र में अपील की है कि न्यायालय परिसर में काला कोट और बैण्ड पहनकर बहुत ऐसे लोग घूमते हैं जो राज्य बार काउंसिल में रजिस्टर्ड नहीं हैं। ऐसे लोग न्यायालय परिसर में आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं। ऐसे लोगों को न्यायालय परिसर से बाहर किया जाए। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी का कहना है कि फर्जी वकीलों की शिकायत बार काउंसिल तक पहुंच रही है। ऐसे फर्जी वकीलों को चिंहित करके उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।


न्यायालय परिसरों में फर्जी वकीलों की बात कई बार सामने आ चुकी है। ऐसे लोगों की वजह से वकालत का पेशा बदनाम होता है। फर्जी वकीलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। रजिस्टर्ड अधिवक्ता ऐसे फर्जी वकीलों पर नजर रखें और उनकी शिकायत करें।
जय नारायण पांडेय
वाइस चेयरमैन, स्टेट बार काउंसिल