प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शिलाखाना तेलियरगंज की रहने वाली शालिनी का रिश्ता मोबाइल की क्लिपिंग में कैद लड़के के साथ था या नहीं? यह तो भगवान जाने। लेकिन, असल में वही उसके लिए काल बन गया। वह शाम रवि के साथ अपने रिश्ते को लेकर सीरियस थी तभी एक ट्रेन छूट जाने के बाद दूसरी ट्रेन पकड़कर प्रयागराज पहुंची थी। रवि से किसी प्रकार का खतरा न होने को लेकर वह इतना निश्चिंत थी कि वह प्रयागराज आ रही है? इसकी सूचना अपने परिवारवालों तक को नहीं दी थी। परिवारवालों को उसकी मिसिंग की सूचना तीन दिन बाद हुई। असल में वह रोज अपने पिता से मोबाइल पर बात करती थी। दो दिन न कॉल आयी और न ही फोन रिसीव हुआ तो पिता को अनहोनी की आशंका हुई। उन्होंने सच जानने के लिए दिल्ली के मकान मालिक को कॉल किया तब उन्हें पता चला कि वह 13 तारीख को ही प्रयाग निकल चुकी है। यह जानने के बाद शालिनी के पिता के पैरों तले से जमीन खिसक गयी। उन्होंने शालिनी के बारे में पता लगाने के लिए पहला कॉल रवि ठाकुर को किया था। उन्हें पता था कि शालिनी प्रयागराज आएगी तो रवि से मिलेगी जरूर। शातिर रवि ने शालिनी के पिता का फोन आने के बाद उनके साथ मिलकर खोज बीन शुरू कर दी। ताकि कोई उस पर शक भी न करे।

प्रेमिका को खोजने के लिए परिवार संग घूमता रहा कातिल
शालिनी के पिता का फोन आने के बाद रवि ठाकुर को फंसने की संभावना हो गयी थी। इसलिए वह शालिनी के पिता से मिलने पहुंचा और उनसे दिल्ली से मिली सूचना तक हासिल कर ली। पिता के पूछने पर उसने शालिनी की कोई जानकारी होने से इंकार कर दिया था। इसके बाद वह उनके साथ लग गया। सभी स्थानों पर पता लगाने में साथ रहा। यहां तक कि परिवारवालों ने सलोरी के रहने वाले हरिओम विश्वकर्मा की तरफ इशारा किया तो वह उसके साथ वहां भी पहुंचा था ताकि किसी को शक भी न हो कि वह इस घटना में इनवाल्व हो सकता है। उसकी इस फुल प्रूफ योजना की धज्जियां उड़ गयीं जब शालिनी के पिता ने रवि पर शक जता दिया। इसके बाद पुलिस सख्त हो गयी।

युवती की हत्या करने वाला उसका प्रेमी बेहद शातिर किस्म का दिमाग लगाया था। खुद को बचाने के लिए उसके द्वारा एक दो नहीं कई हैरतंगेज चालें चलीं गईं थीं। पुलिस कड़ी मेहनत के आगे उसकी एक भी चाल कामयाब नहीं हो पाई।
संतोष कुमार सिंह सीओ सिविल लाइंस