प्रयागराज ब्यूरो बैंक, स्कूल, अस्पताल, पेट्रोल पम्प, होटल, रेस्टोरेंटों सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर पब्लिक की तरफ से लगवाये गये सीसीटीवी कैमरों की मानीटरिंग आईसीसीसी से की जाएगी। इस परियोजना में केवल उन्हीं कैमरों की निगरानी होगी जो सार्वजनिक स्थल तथा सामाजिक एवं व्यापारिक केन्द्रों एवं प्रतिष्ठानों में लगे हैं। जिस संस्थान, प्रतिष्ठान में कैमरा निजी प्रापर्टी, इंसाइड में हैं और कुछ बाहरी दीवार, मेन सड़क, मुख्य गेट पर लगे हैं को भी इंटीग्रेट किया जायेगा। यहां शर्त इतनी होगी कि उससे मेन रोड साइड की चीजें दिखायी देती हैं। यह जानकारी सेफ सिटी के तहत मिटिंग में नगर आयुक्त चन्द्र मोहन गर्ग ने दी। डीएम संजय कुमार खत्री की अध्यक्षता में संगम सभागार में हुई मिटिंग में इसे सुरक्षा एवं अपराध नियंत्रण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया गया।

डीबीआर का यूजर नेम-पासवर्ड लेंगे

नगर आयुक्त ने बताया कि कैमरों को इंटीग्रेट करने के लिए सम्बंधित को कैमरे के डीवीआर/एनबीआर का अलग से यूजर नेम/पासवर्ड देना होगा। जिससे कि केवल बाहरी कैमरों की वीडियो फेस ही आईसीसीसी में आएगी, अन्य कैमरों की नही। उन्होंने कहा कि संस्थान/प्रतिष्ठान द्वारा सहमति पत्र भरा जाना अनिवार्य है। सहमति पत्र के साथ-साथ एक फार्म भरना भी अनिवार्य होगा, जिसमें कैमरे का विवरण देना होगा। उन्होंने बताया कि इसका उपयोग अपराध नियंत्रण के लिए किया जायेगा तथा इसकों किसी अन्य विभाग/व्यक्त से साझा नहीं किया जायेगा एवं पूर्णत: सुरक्षित रहेगा।

डीएम ने जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, एलडीएम, विद्युत विभाग, पुलिस विभाग, चिकित्सा विभाग सहित सभी सम्बंधित विभागों को लक्ष्य निर्धारित किए है तथा 10 अगस्त की शाम तक अनिवार्य रूप से इस सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। मिटिंग में नगर मजिस्टे्रट सत्यप्रिय सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी आशु पाण्डेय, डीसीपी टै्रफिक सहित अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।