प्रयागराज (ब्यूरो)। धूमनगंज थाना क्षेत्र के जयंतीपुर मोहल्ला निवासी उमेश पाल बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड में गवाह भी रहा है। इस वक्त प्रापर्टी डीलिंग का काम करता है। उसका आरोप है कि वर्ष 2018 में कौशांबी की गुडिय़ा देवी से पीपलगांव में जमीन खरीदी थी। जब वह जमीन पर पत्थर गड़वाने के लिए पहुंचा तो खालिद जफर समेत अन्य लोग आए और अपनी भूमि बताते हुए पत्थर लगाने से रोक दिया। असलहा दिखाते हुए जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया। यह भी आरोप है कि 11 फरवरी 2022 को पता चला कि खालिद जफर जमीन पर कब्जा करने के लिए साथियों के साथ पहुंचा है। मौके पर जाकर देखा तो कई मजदूर भी मौजूद थे। उमेश ने जमीन पर कब्जा करने की वजह पूछी तो खालिद ने असलहा सटाते हुए धमकाया कि अतीक भाई का आदेश है, पहले एक करोड़ रुपये दे दो वरना इस जमीन को भूल जाओ। बिना पैसा दिए आए तो मार दिए जाओगे। तब पीडि़त हाथ-पैर जोड़कर वहां से जान बचाकर घर चला गया। हालांकि घटना के छह महीने पहले हुई थी।

तरह-तरह की हो रही चर्चा
मुकदमा दर्ज कराने की वजह भी रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं की गई है, जिसको लेकर कई तरह की बात कही जा रही है। फिलहाल इंस्पेक्टर धूमनगंज राजेश कुमार मौर्या का कहना है कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर तहरीर के आधार एफआइआर लिखकर विवेचना की जा रही है।