प्रयागराज (ब्यूरो)। जिले में मातृ व शिशु मृत्यु दर पर लगाम लगाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का पंजीकरण शुरू कर दिया है। प्रयागराज में यह अभियान दो जनवरी से जारी है और यह 16 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण कराना स्वास्थ्य विभाग के लिए किसी चैलेंज से कम नही है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को पहले व दूसरा बच्चा होने पर लाभ दिया जाएगा। यही कारण है कि सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक प्रसव उसकी जानकारी में हो जिससे जच्चा बच्चा की जान को बचाया जा सके।
योजना का लाभ लेने के नियम
- गर्भधारण से 570 दिन के अंदर योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण है जरूरी।
- इस योजना में प्रथम किस्त में 3000 और दूसरी किस्त में 2000 रुपए लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजे जाते हैं।
- सरकार की नई व्यवस्था के तहत दूसरी संतान बालिका होने पर धनराशि छह हजार एक मुश्त दी जाएगी।
- शिशु के जन्म से 270 दिन के अंदर लाभ के लिए पंजीकरण कराया जा सकता है।
- दूुसरी संतान बालिका का यदि एक अप्रैल 2022 को या उसके बाद जन्म हुआ हो तो पंजीकरण कराया जा सकता है।
- अभी तक लगभग 8286 लाभार्थी महिलाओं का पंजीकरण हो चुका है।
पंजीकरण के लिए इनसे करिए संपर्क
एनएचएम के जिला प्रबंधक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि योजना के पंजीकरण प्रक्रिया व उससे जुड़ी जानकारी के लिए सीएचसी व नजदीकी स्वास्थ्य उपकेंद्रों में तैनात बीपीएम, बीसीपीएम, एएनएम व आशा कार्यकत्रियों से संपर्क किया जा सकता हे। इस योजना का लाभ लने के लिए ऑनलाइन आवेदन पीएमएमवीवाई की आफिशियल वेबसाइट पर किया जा सकता हे। गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध पीएमएमवीवाई योजना ऐप को डाउनलोड कर लाभार्थी स्वयं पंजीकरण करा सकते हं।
इस लिए चल रही है कवायद
देखा जाए तो जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने की कवायद लंबे समय से चल रही है। ऐसा इसलिए कि अधिकतर डिलीवरी प्राइवेट अस्पतालों में होती है। इसके अलावा गांव में झोलाछाप भी महिलाओं की डिलीवरी कराकर जच्चा बच्चा दोनों का जीवन खतरे में डाल देते हैं। सरकार का कहना है कि अधिक से अधिक माताओं का पंजीकरण कराकर इस योजना के अंतर्गत संस्थागत डिलीवरी को बढ़ाया दिया जाना चाहिए।
योजाना का लाभ लेने के लिए 16 जनवरी तक अभियान चलाया जा रहा है। हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक लाभार्थियों को योजना से जोडऩा है। अगर गर्भवती माताएं पंजीकृत होंगी तो जच्चा और बच्चा दोनों का जीवन बचाया जा सकेगा।
डॉ। आशू पांडेय, सीएमओ प्रयागराज