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निरीक्षक आबकारी विभाग में हैं तैनात
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निरीक्षकों पर है सदर एरिया की जिम्मेदारी
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हेड कांस्टेबल की है आबकारी में संख्या
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कांस्टेबल हैं आबकारी विभाग के पास
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मात्र तीन गाडि़या हैं आबकारी विभाग में
मात्र तीन गाड़ी से ग्यारह आबकारी निरीक्षक कैसे कर रहे पूरे जिले का निरीक्षण
ऐसे में अवैध शराब व माफियाओं के खिलाफ के खिलाफ कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
PRAYAGRAJ: हंडिया क्षेत्र में पंद्रह की मौत का कारण शराब बता रहे लोग आबकारी विभाग के निरीक्षण पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। वर्ष में करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाले इस विभाग में निरीक्षकों द्वारा निरीक्षण के लिए मात्र तीन गाडि़यां मौजूद हैं। इन तीन गाडि़यों से आबकारी निरीक्षक किस तरह निरीक्षण करते होंगे यह एक बड़ा सवाल है।
पब्लिक का मानना है कि पर्याप्त साधन होने की वजह से विभाग के लोग निरीक्षण में कंजूसी बरतते हैं। यही वजह है कि अवैध व जहरीली शराब से लाखों रुपये कमाने वाले धड़ल्ले से बेखौफ सप्लाई में मशगूल हैं। पब्लिक के इस सवाल का उत्तर विभाग के पास खामोशी के सिवाय कुछ भी नहीं है।
मैन पॉवर की नहीं है कोई कमी
आबकारी विभाग के पास जिले भर में कुल 11 निरीक्षक तैनात हैं। इन निरीक्षकों पर पूरे जिले में निरीक्षण और शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का जिम्मा है। इनके साथ छापेमारी के लिए 17 हेड कांस्टेबल और 18 सिपाही भी विभाग को दिए गए हैं। मगर विभाग के पास 11 निरीक्षकों के बीच मात्र तीन गाडि़यां हैं। अब पब्लिक का सवाल यह है कि यह 11 निरीक्षक मात्र तीन गाडि़यों से रोज अपने-अपने क्षेत्र में निरीक्षण कैसे करते हैं? अपने निजी साधन से वह भी ईधन लगाकर को कोई निरीक्षण करने से रहा। ऐसे में जाहिर है कि आबकारी विभाग की टीम शराब बनाने व बाहर से मंगा कर बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करती। आंकड़े व हालात इस बात के गवाह हैं कि अवैध शराब के खिलाफ कभी-कभार चलाया जाने वाला अभियान महज खाना पूर्ति के सिवा और कुछ भी नहीं है।
मैन पॉवर की तादाद विभाग में कम नहीं है। रही बात गाड़ी की तो जरूरत के अनुसार निरीक्षक को उपलब्ध कराई जाती है। तीन गाडि़यां हैं चक्रानुक्रम में निरीक्षक इन गाडि़यों का प्रयोग निरीक्षण व छापेमारी में करते हैं।
जितेंद्र कुमार सिंह, जिला आबकारी अधिकारी