प्रयागराज ब्यूरो । : मात्र पंद्रह साल की उम्र में विनायक यमुना नदी को तैरकर पार कर गया। यह सुनने में आश्चर्यजनक जरूर लग रहा होगा पर बात सोलह आने खरी है। अदम्य साहस के साथ तैराकी से पूर्व वह बरगद घाट पर हनुमान जी का दर्शन किया। पूजा पाठ के बाद 90 किलो के विनायक ने यमुना नदी में छलांग लगा दिया। इसके बाद वह तैरना शुरू किया तो फिर बगैर थके मां यमुना की गोद में खेलते हुए एक से दूसरे छोर जा पहुंचा। उसके यमुना पार करने की इस जिद को देखते हुए पीछे-पीछे ट्रेनर भी व उनकी टीम भी तैरना शुरू कर दिया। उसके वजन को देखते हुए ट्रेनर को लग रहा था कि वह बीच में थक सकता है। लिहाजा तैराकी की ट्रेनिंग में एक्सपर्ट हो चुके कुछ युवक नाव से भी पीछे-पीछे चल रहे थे। मकसद था कि जहां वह तनिक भी थका हुआ समझ में आया। सभी मिलकर उसे नाव पर खींच लेंगे। मगर, इसकी नौबत ही नहीं आई। वह बगैर रुके व थके यमुना नदी को पार करके ही दम लिया। उसके इस करतब को देखकर खुद ट्रेन तक हैरान रहे।
चौक एरिया का है बालक
ज्वाला देवी इंटर कॉलेज में हाईस्कूल का छात्र विनायक शहर के चौक गंगा दसरानी मंडी निवासी शीतल कपूर का बेटा है। बताते हैं कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं है। मां शीतल कपूर की सरपरस्ती में पल और बढ़ रहे विनायक का वजन करीब 90 किलो बताते हैं। शरीर से हिस्ट पुष्ट विनायक को उसकी मां एक्सरसाइज भी करवाती हैं। उसे तैराकी सीखने की धुन सवार हुई। बेटे की जिद को देखते हुए विनायक को लेकर उसकी मां नवजीवन तैराकी क्लब क्लब पहुंची। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि शारीरिक रूप की वजह उनका बेटा भी इतना अच्छा तैर सकेगा। बहरहाल ट्रेनर त्रिभुवन निषाद व कमला निषाद एवं लिम्का बुक आफ रिकार्ड से सम्मानित मानस निषाद उसे ट्रेनिंग देने में जुट गए।
15 दिन की ट्रेनिंग में हुआ माहिर
बताते हैं कि करीब पंद्रह दिन की ट्रेनिंग में विनायक तैराकी में माहिर हो गया। कांफिडेंस से लबरेज हुआ विनायक शुक्रवार को तैरकर यमुना पार करने की जिद पर अड़ गया। बेटे की इस जिद पर उसकी मां का कलेजा कांप गया। ट्रेनर त्रिभुवन निषाद को शिष्य के कांफिडेंस को देखकर न नहीं कर सके। वह तैर कर यमुना पार करने की इजाजत उसे दे दिए। जब तक वह दर्शन पूजन कर रहता था। इतनी देर में ट्रेनर के जरिए उसे कवर यानी तैराकी के वक्त सुरक्षा देने का प्लान तैयार किया गया। विनायक मंदिर से लौटा और ट्रेनर का आर्शीवाद लेकर नदी में छलांग लगा दिया। जैसे ही वह नदी में तैरने के लिए कूदा तीनों ट्रेनर व उनके जरिए फुल ट्रेंड किए जा चुके करीब एक दर्जन बेस्ट तैराक भी पीछे-पीछे तैरना शुरू कर दिए। उधर क्लब के इतने ही तैरान नाव पर सवार होकर उसके बगल बगल चलने लगे। नाव पर सवार तैराक व पीछे पीछे चल रहे तैराकी में माहिर शिष्यों के साथ त्रिभुवन निषाद विनायक का हौसला बढ़ाते रहे। सुबह 6.20 पर वह तैरना शुरू किया और साढ़े छह बजे वह तैर कर यमुना पार कर गया। यह देखकर ट्रेनिंग ले रहे लोग व युवा ही नहीं खुद ट्रेनर भी अचंभित रहे।