प्रयागराज (ब्यूरो)। दोपहर दो बजे से शुक्रवार को शुरू हुआ बवाल शाम को शांत होने के बाद पुलिस के अधिकारी एक्शन मोड में आ गए। सारी रात पत्थरबाजों व साजिश रचने वालों की टोह में पुलिस जुटी रही। कराई गई वीडियोग्राफी व सीसीटीवी कैमरों में लगे फुटेज के जरिए भी पहचान की प्रक्रिया शुरू हुई। टीमबद्ध तरीके से पुलिस द्वारा काम किया गया। रात आठ बजे तक प्रतापगढ़, कौशाम्बी व फतेहपुर से भी भारी संख्या में फोर्स बुला ली गई। इन जनपदों की फोर्स पहुंचने के बाद अटाला से लेकर करेली व खुल्दाबाद और शाहगंज एवं अतरसुइया तक में दबिश दी गई। यह दबिश रात भर चलती रही। शांत फिजा में आग लगाने के बाद ज्यादातर दंगाई रफूचक्कर हो गए थे। लोगों की मानें तो पुलिस रात भर चिन्हित किए गए लोगों के घर दरवाजा खटखटाती रही। कहा तो यह भी जा रही कि इस बीच जो भी संदिग्ध पुलिस के हाथ लगा उसकी कायदे से कुटाई की गई।
खटखटाया दरवाजा
मोहल्ले के लोगों की मानें तो पुलिस सकरी गलियों में भी जाकर पथराव व आगजनी और बवाल करने वाले युवकों को ढूढती रही। बवाल और कई जवानों के घायल होने से खफा पुलिस के जवानों द्वारा उपद्रवियों के घर व गली में खड़ी गाडिय़ों पर गुस्सा उतारा गया। कई गाडिय़ों को गुस्साए पुलिस के जवानों ने तोड़ दिया। पुलिस अफसर इस तरह की तोडफ़ोड़ जैसी बात से इंकार कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो हिरासत में लिए गए करीब 70 लोगों से गहन पूछताछ की गई। पूछताछ में पुलिस को इस दंगा में शामिल कई लोगों के नाम मिले हैं। जिनकी तलाश में पुलिस के जवान जुटे रहे।