पांच बड़े रीजन आए हैं सामने, लोग कर रहे हैं नजर अंदाज
देश में हर चौथा व्यक्ति हाई बीपी का शिकार है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला आंकड़ा प्रयागराज का है। यहां हर दूसरा व्यक्ति इस बीमारी से ग्रसित है। इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनीशिएटिव प्रोग्राम में यह खुलासा हुआ है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा वृहद स्तर पर मरीजों की जांच करने के साथ उनको जागरुक करने की मुहिम शुरू कर दी गई है।
आधे लोगों को पता ही नहीं
महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि जिन लोगों को हाई बीपी की शिकायत है उनमें से आधे को इसकी जानकारी भी नहीं थी। वह लक्षणों को नजरअंदाज कर रहे थे। जांच कराने के बाद बीपी की पुष्टि होने के बाद इनका इलाज शुरू कर दिया गया है। इनका नाम ऐप में पंजीकृत करने के बाद उनको बीपी पासपोर्ट कार्ड दिया गया है।
25 फीसदी मरीज हैं यंग
आंकड़े बताते हैं कि 500 मरीजों में पचीस फीसदी 30 से 40 साल के बीच के मरीज हैं। इनका ब्लड प्रेशर जांच के बाद बढ़ा हुआ मिला है। अभी इन्हें काउंसिलिंग करके दवा दी गई है। एक माह बाद सभी को फालोअप के लिए बुलाया गया है।
मरीजों में सामने आए पांच कारण
फास्ट फूड और पैकेज्ड फूड का सेवन करने वाले। जिससे बॉडी में नमक की एक्सेस मात्रा पहुुंच रही है।
माता-पिता में किसी एक या दोनों को ब्लड प्रेशर की शिकायत है। उनके बच्चों का बीपी बढ़ा है।
हार्मोनल चेंजेस के चलते भी बीपी की प्राब्लम है। यह रेयर रीजन है।
लोग तनाव ज्यादा ले रहे हैं। इसकी वजह से उन्हे नींद भी कम आती है।
शुगर होने पर बीपी के चांसेज बढ़ जाते हैं। साथ ही एक्सरसाइज भी नही कर रहे हैं।
कब हो जाएं चौकन्ने
जब आपका ब्लड प्रेशर जांच में 1400/90 से अधिक आ जाए तो तो होशियार हो जाना चाहिए। मेजरमेंट जितना अधिक आएगा, इलाज उतना ही लंबा और सघन चलाया जाएगा। दो से तीन प्वाइंट बढ़े होने पर मरीजों को केवल एक्सरसाइज के बारे में बताकर एक सप्ताह बाद बुलाया जाता है। फालोअप में बीपी कम आने पर इन मरीजों की दवाएं नही चलाई जाती हैं।
यहां हो रही जांच, मिल रहा इलाज
सोरांव, जसरा, धनुपुर, कौडि़हार, फूलपुर, बहादुरपुर, चाका, काल्विन हॉस्पिटल
हाई बीपी के प्रभाव
हार्ट, मस्तिष्क, किडनी और रक्त धमनियों को नुकसान, जीवनभर विकलांगता या मौत, हार्ट अटैक या स्ट्रोक। कोरोना में एक तिहाई मौतों के पीछे हाई बीपी जिम्मेदार।
बीपी पासपोर्ट कार्ड की खासियत
इस कार्ड में क्यू आर कोड मौजूद रहता है।
सिंपल ऐप के माध्यम से स्कैन करने से मरीज का डाटा उस में दर्ज किया जाता है।
इससे मरीज का आसानी से फालोअप होता है और उसे निशुल्क दवाएं मिल जाती है।
बीपी से बचाव
भोजन में नमक और वसा की मात्रा कम होना चाहिए।
हरी सब्जियों व फलों का सेवन किया जाए।
धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
प्रतिदिन एक्सरसाइज करें और टहलने की आदत डालें।
तनाव से बचने की कोशिश करें।
साल में दो बार बीपी और शुगर की जांच जरूर कराएं।
इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2025 तक कार्डियोवैस्कुलर डिजीज में होने वाली मौंतों और हाई बीपी के मरीजों में 25 फीसदी कमी लाना है। यही कारण है कि विभिन्न सेंटर्स पर इंडिया हाईपरटेंशन कंट्रोल इनीशिएटिव चलाया जा रहा है।
डॉ। नानक सरन
सीएमओ प्रयागराज
प्रत्येक सेंटर पर एक नोडल बनाया गया है जो एनसीडी सेल के तहत बीपी की जांच कर रहा है। मरीजों को बीपी पासपोर्ट कार्ड दिया जा रहा है। जो मरीज पंजीकृत हो रहे हैं उनको वीकली फालोअप होता है।
डॉ। वीके मिश्रा
इंचार्ज एनसीडी सेल स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज