प्रयागराज (ब्यूरो)। अभियान में जिले की कुल आबादी का बीस फीसदी 13.28 लाख को लक्षित किया गया है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सुपरवाइजऱ लगाए गए हैं। जो घर-घर जाकर क्षयरोग के बारे में लोगों को जागरूक करेगें एवं सम्भावित टीबी मरीजों की खोज करेंगे। इसके लिए जनपद में कुल 313 टीम गठित की गई है। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य रहेंगे व प्रत्येक पांच टीम के कार्यों पर नजर रखने के लिए एक सुपरवाइजर नियुक्त हैं। इसलिए कुल 65 सुपरवाईजर (एसटीएस/ एसटीएलएस / टीबीएचबी) भी अभियान में लगाए गए हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक दिन जिला क्षयरोग अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक व टीबीएचआई कोआर्डिनेटर कार्यों का औचक निरीक्षण भी करेंगे।

पिछले साल अभियान में मिले थे 328 मरीज

वर्ष 2021 में चले एसीएफ अभियान में जनपद की कुल जनसंख्या का 20 प्रतिशत जनसंख्या को आच्छादित किया गया। जिसमें 1238287 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी। जिसमें 4543 लोगों के बलगम जांच की गयी। इसमें 328 मरीज टीबी के मिले थे। बलगम से 246 एवं 82 मरीज एक्स-रे से धनात्मक पाये गये। 328 मरीजों में से 316 मरीजों की जांच के उपरान्त तत्काल दवा प्रारम्भ कर दी गयी। इन्हें निक्षय पोषण योजना का लाभ भी दिया गया।

फिर बढ़ सकते हैं मरीज

बता दें कि 2019 और 2021 में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों ने मास्क का यूज किया। जिसकी वजह से टीबी का संक्रमण निश्चित दायरे में रहा। अब लोगों ने मास्क का यूज कम कर दिया है। ऐसे में फिर से केसेज बढ़ सकते हैं। एक टीबी का मरीज एहतियात नही बरतने पर 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है। वही बहुत से मरीज टीबी के इलाज का कोर्स अधूरा छोड़ देते हैं जिससे वह एमडीआर यानी मल्टी ड्रग रजिस्टेंस की श्रेणी में आ जाते हैं।

जिन लोगों को टीबी से जुड़े लक्षण हैं या जिनको शंका है वह अपनी फ्री जांच करा सकते हैं। हमारी टीमें घर घर जाकर स्क्रीनिंग कर रही हैं। इलाज भी निशुल्क किया जाएगा।

डॉ। एके तिवारी, जिला क्षय रोग अधिकारी प्रयागराज