प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सभागार में सुबह से बच्चों की भीड़ पहुंचने लगी थी। बच्चे अपने पैरेंट्स और टीचर्स के साथ पहुंच गए थे। सभी कुर्सियां कुछ ही मिनट में भर गईं। बच्चों ने अवार्ड मिलने पर खुशी जाहिर की। एक-एक करके हाईएस्ट मार्क लाने वाले टापर्स को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में स्कूलों के ग्रुप को फोटो सेशन कर उनका उत्साहवद्र्धन किया गया। घंटों चले कार्यक्रम में स्टूडेंट्स का उत्साह देखते ही बन रहा था।
अभी बाकी है बड़ा स्पेस
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कमिश्नर संजय गोयल ने बच्चों को जमकर मोटीवेट किया। उन्होंने कहा कि हर बच्चा अलग होता है। सबको एक साथ नही देखना चाहिए। उनके कैलिबर को पहचानना जरूरी है। टीचर्स और पैरेंट्स को अपनी इच्छाएं बच्चों पर नही डालनी हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से बच्चे सफलता नही मिलने पर गलत कदम उठा लेते हैं जबकि ऐसा नही होना चाहिए। उनको खुद की कैपेबिलिटी को जानना होगा। वह क्या कर सकते हैं, अगर वह यह जान गए तो जीवन में सक्सेज हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि जो बच्चे आज इस कार्यक्रम में बैठे हैं, वह टॉपर हैं। उन्होंने बहुत मेहनत कर के यह मुकाम पाया है। लेकिन उन्हे यह पता होना चाहिए कि आने वाले समय में काम्पिटिशन का यह स्पेस काफी बड़ा हो सकता है। क्योंकि उसका एरिया काफी बड़ा है। कहीं से भी प्रश्न पूछा जा सकता है। आज जहां मैं खड़ा हूं, वहां पर कल आप भी आ सकते हैं। लेकिन इसके लिए खुद को तैयार करना होगा।
खुद को तराशकर यहां तक पहुंचे
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा कि आज सभी किसी हीरे से कम नही हैं और खुद को तराशकर यहां तक पहुंचे हैं। इसको आगे भी बनाकर रखिएगा। क्योंकि कामयाबी एक दिन में नही मिलती है। इसके लिए लगातार मेहनत करनी पड़ती है। अब इसे आगे बरकरार रखना जरूरी है। उन्होंने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को इस आयोजन के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन मिलता है और दूसरे बच्चों को भी इसका अनुसरण करने की शिक्षा मिलती है।
स्पांसर जो रहे मौजूद
टाइटल स्पांसर- किसलय कामर्स- किसले द्विवेदी
को पावर्ड बाई- फिजिक्स वाला- स्टार फैकल्टी केमेस्ट्री- विनीत द्विवेदी
को पावर्ड बाई- डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी रीजनल हेड काउंसिलिंग- शिक्षिका
दारागंज ग्रामोद्योग विकास संस्थान- सेक्रेटरी एमपी सिंह
मारुति डेंटल क्लीनिक- डायरेक्टर डॉ। नम्रता जायसवाल
घटना चक्र पब्लिकेशन- डायरेक्ट संतोष सिंह
भगवान दास एंड प्रहलाद दास- ओनर अंकित गुप्ता
मैक- डायरेक्टर अभिलाषा
स्टेक ग्रुप- ओनर शिवशंकर सिंह
नेहरू ग्राम भारती यूनिवर्सिटी- रिप्रेजेंटेटिव प्रिया मिश्रा
तमन्ना इंस्टीट्यूट आफ एलाइड हेल्थ साइंसेज- डायरेक्ट नजमी रहमान
जीपी हांडा- कोआर्डिनेटर रवि
सालिटेयर वैली- डायरेक्टर विनय, कामरान

बहुत अच्छा आयोजन था। हमने पढ़ाई के दौरान जो मेहनत की थी उसका आज परिणाम सामने आया है। मंच पर सम्मानित होकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं।
पायल, जगत तारन गोल्डन जुबली स्कूल

बच्चों को इस तरह का प्रोत्साहन मिलते रहना चाहिए। इससे उन्हें लाइफ में आगे बढऩे का मौका मिलता है और नया जोश आता है। यहां मेडल मिलने के बाद अच्छा फील हो रहा है।
अंजनी, जगत तारन गोल्डन जुबली स्कूल

दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट को इस कार्यक्रम के लिए धन्यवाद। यहां आकर अच्छा लगा। बहुत कुछ सीखने और जानने का मौका मिला। अब आगे इससे अधिक मेहनत करना है।
आकृति, एमपीवीएम गंगागुरुकुलम

कमिश्नर सर की स्पीच सुनी। उन्होंने कहा कि अपने आप को पहचानो और फिर आगे बढ़ो। मुझे भी इस पर विश्वास है। जो खुद को पहचान लेता है उसे सफलता जरूरी मिलती है।
राशि, एमपीवीएम गंगागुरुकुलम

टापर्स बनने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। और बच्चे चाहते हैं कि उन्हे कदम कदम पर उत्साहवद्र्धन किया जाता रहे। इस कार्यक्रम में ऐसा ही हुआ है। इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद देती हूं।
आकृति, एमपीवीएम

हमें जिस भी स्ट्रीम में जाना है उसके बारे में यहां बेहतर जानकारी मिली है। एक्सपट्र्स ने बहुत कुछ बताया है। उसे फालो करके आगे बढऩा है। अगर कोई रुकावट आती है तो उसे साल्व करना है।
श्रेष्ठा, एमपीवीएम

कमिश्नर सर के मोटीवेशन से काफी जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि अगर सक्सेज नही मिली तो परेशान नही होना चाहिए। लगातार प्रयास करते रहना चाहिए।
रश्मि, बीबीएस

किसी स्टूडेंट को साइंस तो किसी को बायो स्ट्रीम में जाना है। लेकिन वह डिसाइड नही कर पाता है। यहां आने के बाद पता चला कि किसके लिए क्या सही हो सकता है।
श्रेया

हम लोगों को यहां आकर बहुत अच्छा लगा है। काफी मोटीवेशन मिला है। एक्सपट्र्स से मार्गदर्शन हासिल किया। मंच पर सम्मान दिया गया। इससे बेहतर और क्या हो सकता है।
तनीषा सिंह, जीएचएस

ऐसे कार्यक्रम हमेशा होते रहने चाहिए। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट को इसके लिए थैंक्स है। इससे बच्चे मोटीवेट होते हैं और उन्हें आगे बढऩे का मौका मिलता है।
दीप्ति रघुवंश, जीएचएस

2016 में यूट्यूब चैनल फिजिक्स वाला की शुरुआत हुई थी। 2017 में चैनल के 50 हजार सब्सक्राइबर हो गए हैं। लाइव क्लासेज के साथ एंड्राइड ऐप की शुरुआत 2020 में हुई थी। 2021 में ऐप पर 21 लाख लाइनअप हुए थे। जून 2022 में 101 करोड़ डालर वैल्यूएशन के साथ देश के 101वें यूनिकार्न बने। अलख सर अपने स्टूडेंट्स को बहुत शिद्दत से पढ़ाते हैं। उनको फिजिक्स से दिली लगाव है।
विनीत द्विवेदी, स्टार फेकल्टी केमेस्ट्री,
फिजिक्स वाला