शांतिपुरम मैदान से खदेड़े गये, अफसरों के साथ बातचीत बेनतीजा

102 और 108 एंबुलेंस का मामला गंभीर होता जा रहा है। एंबुलेंस कर्मचारी बुधवार को भी अपनी सात सत्रीय मांगों पर अड़े रहे और अंत में प्रशासन को उनसे चॉबी लेकर स्वास्थ्य विभाग को हैंड ओवर करना पड़ा। अब गुरुवार से विभाग अपने संसाधन से एंबुलेंस का संचालन करेगा। आंदोलनरत कर्मचारी काम पर वापस नही लौटेंगे।

80 एंबुलेंस की सौंपी चॉबी

बता दें कि झूंसी के शांतिपुरम मैदान में मंगलवार को धरने पर बैठे एंबुलेंस कर्मचारियों को पुलिस ने यहां से खदेड़ दिया था। इसके बाद इनमें से कुछ पदाधिकारियों को झूंसी थाने ले जाया गया और यहां से गुरुवार सुबह सीएमओ आफिस में वार्ता के लिए लाया गया। जिसमें एडीएम सिटी समेत पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक की वार्ता में कोई हल नही निकला। एंबुलेंस कर्मियों का कहना था कि नई कंपनी को ठेका दे दिए जाने से उनके साथियों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। ऐसे में सरकार उनकी सात सूत्रीय मांगों को माने नही तो वह काम पर नही लौटेंगे।

तकनीकी सपोर्ट कहां से लाएंगे

संगठन के जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा ने बताया कि अब हम लोग अपनी मांग को लेकर लखनऊ में प्रदेश स्तरीय धरने में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग अपने ड्राइवर के जरिए एंबुलेंस का संचालन करेगा लेकिन तकनीकी कर्मचारी कहां से लाएगा। उनके बगैर एंबुलेंस का संचालन आसान नही होगा। क्योंकि गंभीर मरीजों का अस्पताल तक पहुंचाने में इन कर्मचारियों का अहम रोल होता है। फिलहाल यह कर्मचारी भी हड़ताल पर चल रहे हैं।

क्या है मामला

अभी तक 102, 108 और एएलएस एंबुलेंस का संचालन जीवीके ईएमआरआई कंपनी के पास था। हाल ही में सरकार ने एएलएस एंबुलेंस का संचालन दूसरी कंपन को दे दिया। इससे कई पूराने कर्मचारियों की जीविका पर संकट मंडराने लगा है। उन्होंने इसका विरोध करते हुए प्रदेश व्यापी हड़ताल छेड़ दी है। जिसे काबू करने में फिलहाल प्रशासन असफल रहा है।

हमने आंदोलन कर रहे एंबुलेंस कर्मचारियों से चॉबी ले ली है और अब इनका संचालन स्वास्थ्य विभाग कराएगा। उनके पास ड्राइवर मौजूद हैं।

एके कनौजिया, एडीएम सिटी प्रयागराज