सामने आया चेक जमा करके बिजली जुड़वा लेने का बड़ा खेल, बाउंस पेमेंट की भी चिंता नहीं

85 दिन से बिना बिल जमा किये बिजली जला रहे हैं लोग, बढ़ रहा है बोझ

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यह वे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 'चेक' को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है। इन सभी पर दस हजार से ज्यादा का बिजली बिल बकाया है। लाइट काटे जाने की स्थिति में उन्होंने चेक जमा करके पीछा छुड़ाया और चेक बाउंस हो जाने के बाद भी बिना किसी गतिरोध के बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। समीक्षा के बाद बिजली विभाग के अफसरों के सामने इस खेल का खुलासा हुआ तो सबके कान खड़े हो गए। इसके चलते फैसला लिया गया है कि जब तक चेक क्लीयर नहीं हो जाता बकायेदार का कोई कनेक्शन जोड़ा नहीं जाएगा।

पेमेंट का चेक भी था एक आप्शन

शहर में तमाम ऐसे उपभोक्ता हैं जो बिजली बिल के भुगतान के लिए उपलब्ध विभिन्न प्लेटफॉर्म का यूज करते हैं। काउंटर पर लाइन में लगकर अपना नंबर आने का इंतजार करने के स्थान पर वे चेक से पेमेंट जमा करते हैं। बिजली विभाग भी इन पर भरोसा करता है। उपकेन्द्रों पर जमा होने वाले चेक को क्लीयरेंस के लिए लगाया जाता है। पिछले क्वार्टर की बिलिंग, कुल जमा और विभाग तक पहुंचे एक्चुअल पेमेंट की समीक्षा के दौरान यह फैक्ट आया कि पेमेंट और एक्चुअल जमा पेमेंट का डाटा मिसमैच है। इसका कारण खंगाला गया तो पता चला कि यह खेल चेक के जरिए किया गया है। चेक जमाकर करके बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ता बाउंस कराकर बैठे हैं। बिजली विभाग की तरफ से आने वाली कॉल पर उनका जवाब भी टालने वाला होता है।

हर उपकेन्द्र की एक जैसी कहानी

ऐसा बिल्कुल नहीं है कि ऐसा किसी एक उपकेन्द्र पर हो रहा है। शहर के लगभग सभी उपकेन्द्रों पर यही कहानी दोहरायी जा रही है। तीन महीने से भी कम समय में चेक बाउंस होने का आंकड़ा 1080 के आंकड़े को पार कर चुका है। इन चेकों के जरिए विभाग को 3.6 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया था। पछले महीने बिजली विभाग की समीक्षा बैठक में यह प्रकरण सामने आने के बाद पड़ताल हुई तो पता चला कि इन सभी के घर में कनेक्शन चालू है। इसके बाद इसे बड़े मुद्दे के रूप में ट्रीट करने का फैसला लिया गया। तय हुआ है कि इन सभी उपभोक्ताओं के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा। इस बार चेक देकर टालने की कोशिश हुई तो यह शर्त रख दी जाएगी कि जब तक चेक क्लीयर नहीं हो जाता, कनेक्शन कटा रहेगा। विभाग की माने तो दो बार से अधिक चेक बाउंस वाले बकाएदार उपभोक्ताओं को चिन्हित भी किया जा रहा है। आगे से उनसे चेक नहीं लिया जाएगा।

देर से होती है चेक बाउंस होने की जानकारी

बिजली विभाग के जिम्मेदार बताते हैं कि जिस दिन चेक जमा होता है उसी दिन इसकी बैंकिंग नहीं होती। दूसरे जब बैंक में इसे लगाया जाता है तो क्लीयर होने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है। यह सूचना बैंक से एकाउंट डिपार्टमेंट को पहुंचती है। फिर, उपकेन्द्र से शेयर की जाती है। इस चक्कर में दस दिन से अधिक लग जाते हैं। इसके बाद शुरू होती है कॉलिंग। बकायेदार आज या कल में पेमेंट करना बताकर मामले को टाल देते हैं। विभागीय स्तर पर इसके बाद बाउंस चेक डिब्बे में रख दिया जाता है। समीक्षा के दौरान यह फैक्ट भी सामने आया कि विभाग की तरफ से इसके बाद कॉल भी नहीं किया जाता। संयोग से कभी डिब्बा खुला तो याद आया।

07

डिवीजन हैं शहर एरिया में

54

उपकेंद्र हैं शहर एरिया में

1080

लोगों के चेक हो चुके हैं बाउंस

85

दिन से चेक जमा करने वालों के यहां जल रही है बिजली

3.6

करोड़ से अधिक है बाउंस चेक पर बकाया राशि

चेक बाउंस होने वाले केसेज पकड़ में आ गये हैं। नई व्यवस्था में जब तक चेक क्लीयर नहीं हो जाता, कनेक्शन जोड़ा नहीं जाएगा। अब पोस्ट डेट का कोई चेक स्वीकार नहीं किया जायेगा।

अतुल गौतम

एसडीओ, रामबाग

बाउंस चेक वाले सभी कनेक्शनधारकों की लाइट काट दी जाएगी। इनका कनेक्शन अब तभी जोड़ा जाएगा जब तक पूरा पैसा विभाग के पास न आ जाएगा। सिर्फ चेक के आधार पर कोई कटा कनेक्शन नहीं जोड़ा जाएगा।

आरके सिंह

अधीक्षण अभियंता, नगरीय वितरण