प्रयागराज (ब्यूरो)।अगर आपका बिजली का बिल गड़बड़ है। बार बार शिकायत के बाद भी आपको राहत नहीं मिल पा रही है तो बिजली विभाग के अफसरों का चक्कर काटना छोडि़ए। बिजली विभाग की समस्याओं को लेकर विद्युत व्यथा निवारण फोरम और विद्युत लोकपाल की कोर्ट में अपनी समस्या रखी जा सकती है। तमाम ऐसे मामले हैं जिसमें लोग बिजली विभाग का चक्कर काटते काटते थक गए, मगर उन्हें राहत नहीं मिली। जब मामला फोरम और विद्युत लोकपाल तक पहुंचा तो फिर उपभोक्ता की चांदी रही। हालांकि इसके बाद भी बिजली विभाग के अफसरों में सुधार नहीं है। और उनकी मनमानी जारी है।
बगैर लाइन जोड़े भेज दिया बिल
उत्तर प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता २००५ के अनुसार बिना मीटर लगाए विद्युत का कनेक्शन नहीं दिया जा सकता है। इस तरह के उपभोक्ताओं से किसी तरह की वसूली भी नहीं की जा सकती है। मगर महताब आलम के मामले में बिजली विभाग ने नियमावली को ताक पर रख दिया। न्यू लश्कर लाइन बैरहना के रहने वाले महताब आलम ने बिजली का कनेक्शन लिया। बिजली विभाग ने न तो कनेक्शन जोड़ा और न ही मीटर लगाया। कई महीने तक महताब बिजली विभाग का चक्कर काटते रहे। मगर कनेक्शन नहीं जोड़ा गया। इस बीच महताब आलम को बिजली विभाग ने ९९ हजार रुपये का बिल थमा दिया। बिल देख महताब परेशान हो गए। अब बिल लेकर महताब अफसरों को पास दौडऩे लगे। राहत न मिलने पर महताब ने विद्युत व्यथा निवारण फोरम में केस दाखिल किया। लेकिन यहां उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद महताब ने विद्युत लोकपाल के यहां अर्जी लगाई।
विद्युत लोकपाल ने महताब के मामले में अधिशाषी अभियंता कल्याणी देवी को आदेश दिया कि एसडीओ वितरण और जेई करेली के वेतन से कटौती की जाए।
बिजली विभाग के ये नियम भी जानिए
- कोई भी यदि सार्वजनिक लैम्प को द्वेष पूर्वक बुझाता है तो उस पर दो हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
- यदि बिजली विभाग की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो नुकसान पहुंचाने वाले शख्स पर दस हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है।
- बिजली के तार काटने पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बिजली विभाग की नियमावली में उपभोक्ताओं को बहुत सारी सुविधाएं दी गई हैं। मगर बिजली विभाग की मनमानी से उपभोक्ता परेशान होते हैं। वहीं, तमाम उपभोक्ता भी विद्युत व्यथा निवारण फोरम और विद्युत लोकपाल के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं। जिससे उपभोक्ता बिजली विभाग का चक्कर काटते रहते हैं। मामला सही होने पर विद्युत व्यथा निवारण फोरम और विद्युत लोकपाल की कोर्ट से उपभोक्ताओं को भारी राहत मिलती है।
एम.ए.अंसारी, अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता अधिवक्ता बार एसोसिएशन