प्रयागराज (ब्यूरो)।जिन आठ वार्र्डों को समाप्त किया गया है उनमें शहर पश्चिम के दो वार्ड शामिल हैं। इनमें हिम्मतगंज को समाप्त करके लूकरगंज और चकिया वार्ड में मिला दिया गया है। इसी तरह करेली वार्ड को खत्म करके इसको तीन वार्डों राजरूपपुर, बेनीगंज और करेली में समाहित किया गया है। इससे इन वार्डों का भौगोलिक समीकरण बिगडऩे के साथ राजनीतिक समीकरण भी प्रभावित होगा। अभी तक आसपास के वार्डों में आपस में दोस्त रहे पार्षद इस चुनाव में एक-दूसरे संघर्ष करते नजर आएंगे। पब्लिक को भी अब अपने नए वार्ड और उसकी संख्या की जानकारी रखनी होगी। वोटिंग के दौरान अपने मतदान केंद्र और प्रत्याशी से परिचित होना होगा। यह आसान नही होगा। यही हालात जार्जटाउन और टैगोरटाउन को एक साथ समाहित करने में बनेंगे।
जनसंख्या से अधिक होंगे वोटर
मेडिकल कॉलेज, खलासी लाइन, प्रयागघाट, बहादुरगंज वार्ड को भी समाप्त किया गया है। इनमें हिस्सों और मतदाताओं को आसपास के वार्ड में मिलाया गया है। एग्जाम्पल के तौर पर हिम्मतगंज के आधे वोटर अब चकिया वार्ड में मिला दिए जाएंगे। इससे इस वार्ड की जनसंख्या तो कम रहेगी लेकिन वोटर की संख्या बढ़ जाएगी। यही समस्या बाकी वार्डों में भी देखने को मिलेगी। वोटर लिस्ट एडजस्ट मेंट भी समस्या आएगी। इनमें भी वोटर्स को दूसरे वार्ड की वोटर लिस्ट में शिफ्ट करना होगा जो आसान नही है। बहादुरगंज को मुट्ठीगंज में मिलाया गया है। गढ़ी सराय और शाहगंज वार्ड को एक कर दिया गया है और इनके प्रत्याशी इस चुनाव में आमने सामने होंगे। इसी तरह की समस्या दायराशाह अजमल, रानीमंडी और अतरसुईया के वोटर्स के सामने भी देखने में आएगी।
घर के नंबर से मकान नंबर तक होंगे चेंज
ऐसा नही है कि परिसीमन का असर आम आदमी पर नही होगा। हजारों लोगों के मकान नंबर अब चेंज हो जाएंगे। वार्ड संख्या चेंज होने से उन्हें इस बदलाव का सामना करना होगा। इतना ही नही, वार्डों की संख्या में भी बदलाव देखने को मिला है। मेहंदौरी वार्ड 34 नंबर संख्या है। परिसीमन के पहले यह 63 नंबर था और अब फाइनली यह 64 नंबर हो गया है। यह बात वोटर्स को भी बतानी होगी। प्रयागघाट वार्ड और इंजीनियरिंग कॉलेज वार्ड को स्वराज नगर में मिलाने के बाद यहां भी वोटर्स और पार्षदों को नए सिरे से एक्सरसाइज करनी होगी।
अभी निर्धारित होंगे आरक्षण
परिसीमन के बाद वार्डों के आरक्षण का निर्धारण करना आसान नही होगा। क्योंकि जिन वार्डों में दूसरे वार्ड की जनसंख्या जोड़ी गई वहां के जातीय समीकरण भी बदल गए हैं। इस कार्य में कम से कम 20 दिन लग सकते हैं। बता दें कि 20 वार्डों के आंशिक संशोधन के साथ परिसीमन जारी किया गया है। एक माह पहले वार्डों के गठन को लेकर आपत्तियां मांगी गई थी। जिसके जवाब में 190 लोगों ने आपत्ति दाखिल की थी। 97 ग्राम सभाओं को शामिल करने के बाद वार्डों की संख्या भी 80 की जगह सौ हो गई है। ओम प्रकाश सभासद नगर, चकिया, मालवीय नगर, चौक गंगा दास नगर, नई बस्ती, मलाकराज, टैगोर टाउन,पुराना कटरा, नया कटरा, लवायन, मोवइया, अरैल, झूंसी, कोहना, हवेलिया वार्डों में काफी बदलाव हुआ है।

सभी वार्डों में बदलाव किया गया है। मेरे मेहंदौरी वार्ड की संख्या 34 से बदलकर 64 हो गई है। मतदाता परेशान हो सकते हैं। शहर पश्चिम के कई वार्ड बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं। वहां पर सभी को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
मुकुंद तिवारी, पार्षद, मेहंदौरी

मलाकराज और जार्जटाउन वार्ड में परिवर्तन किया गया है। इनकी चौहद्दी चेंज हो गई है। बाई का बाग और रामबाग भी प्रभावित हो गए हैं। कुछ वार्डों की आबाद भी बढ़ गई है। लेकिन वोटर की संख्या इससे अधिक हो सकती है।
शिवसेवक सिंह, पूर्व पार्षद

इस बार चुनाव में बड़े पैमाने पर बदलाव नजर आएगा। मेरे वार्ड चकिया में हिम्मतगंज का हिस्सा मिला दिया गया है। अब जनसंख्या से अधिक वोटर हो जाएंगे। वोटर्स के साथ प्रत्याशी भी भ्रमित होंगे। जो वार्ड खत्म हुए हैं उनके प्रत्याशी बगल के वार्ड में किस्मत आजमाएंगे।
मो। आजम, पार्षद, चकिया

इस परिसीमन से जनता को दिक्कत नहीं होगी। पार्षदों को समस्या होगी। उनको अधिक मेहनत करनी होगी। बढ़े हुए हिस्से और वोटर्स का विश्वास जीतना होगा। प्रधानों का चुनाव भी खराब होगा। कई प्रधान बेरोजगार होंगे।
अखिलेश सिंह, नगर निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष व पार्षद

कुछ वार्डों में आंशिक संशोधन के बाद परिसीमन जारी किया गया है। आठ वार्ड समाप्त किए गए हैं। इसके बाद आगे की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
सतीश कुमार, चीफ इंजीनियर, नगर निगम


एक नजर में परिसीमन
- वार्ड नंबर 55 मेडिकल कालेज क्षेत्र, वार्ड नंबर 26 हिम्मतगंज , वार्ड नंबर 80 करेली, वार्ड नंबर 43 सरायगढ़ी, वार्ड नंबर 73 अरसुइया ,वार्ड नंबर 65 बहादुरगंज, वार्ड नंबर 47 खलासी लाइन, वार्ड नंबर 52 प्रयागघाट को किया गया समाप्त
- इन वार्डों के 1.20 लाख वोटर अब दूसरे वार्डों में करेंगे मतदान