प्रयागराज ब्यूरो । उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में फाइलेरिया के 2007 केस है जिसमे हाथीपांव के 1136 व हाइड्रोसील 871 केस सक्रिय हैं। 355 हाइड्रोसील के आपरेशन के किए गए हैं और शेष 516 मरीजों के आपरेशन होने हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना के नए वैरियंट बीएफ-7 से बचाव के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए है। तेलियरगंज, टीबी सप्रू, कीटगंज, गौसनगर, दरियाबाद, सिविल लाइन्स, भुलई का पुरवा और नैनी यूनिट ने एंटीजन टेस्ट सर्वेक्षण पास किया है।
सर्वेक्षण में 32526 लोगों की जांच
जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान पहले संवेदनशील फिर सामान्य क्षेत्रों में फाइलेरिया रोगी चिन्हित किए गए हैं। इस दौरान स्वास्थ्य टीम ने नाइट ब्लड सर्वेक्षण भी किया है। इसमें 14 ब्लाक में एक प्रतिशत से कम फाईलेरिया के रोगी मिले हैं। वहीं सात ब्लाक में एक प्रतिशत से अधिक मरीज मिले हैं। दिसंबर में चले अभियान के दौरान सभी ब्लाक में फाइलेरिया ट्रांमेशन सर्वे (एफटीएस) का टेस्ट एंटीजन के जरिए किया गया। इसे हर यूनिट पर तीन साइट और हर साइट पर 300 लोगों की जांच की गई है। सर्वेक्षण में 32526 लोगों की जांच की गई है। इसमें से अभी तक 1937 लोग एंटीजन टेस्ट में पाजटिव पाए गए हैं। इनकी पुन: फाइलेरिया की सलाइड बनाकर जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि जनपद में 437 फाइलेरिया ग्रस्त मरीजों की उचित देखभाल के लिए प्रशिक्षण देकर एमएमडीपी किट दी गई है।
कैसे होता है फाइलेरिया
क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ व्य1ित को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। संक्रमण के लक्षण पांच से 15 साल में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्य1ित को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। महिलाओं को स्तन के आकार में परिवर्तन हो सकता है। सामान्यत: इसके लक्षण स्पष्ट रूप से नहीं दिखते हैं। बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है। पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।