प्रयागराज (ब्यूरो)। बुधवार को एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि गोहरी कांड को अंजाम देने से बाकायदे रेकी गई। सड़क से लेकर घर के अंदर प्रवेश करने और बचकर निकलने तक का रास्ता पहले ही तय कर लिया गया था। सातों ने बताया कि इस घटना को गैंग के कुल आठ गुर्गों ने मिलकर अंजाम दिया था। डकैती के इरादे से मोनू कुमार, रोहित खरवार, पीपी कुमार खरवार, नवल कुमार उर्फ नवला खरवार, मुर्गी पांख खरवार, बुंदेला उर्फ सारंगी खरवार और आकाश खरवार मृतकों के घर में बाउंड्री लांघकर घुसे थे। लूटपाट के दौरान परिवार के मुखिया की नींद खुल गयी। वह चीखा तो उसका बेटा और बेटी एवं पत्नी भी जाग गई थी। लोग उठते गए और आठों उन्हें मौत की नींद सुलाते गए। कत्ल के बाद भी युवती की बॉडी से दरिंदों ने बारी-बारी रेप किया। घटना को अंजाम देने के बाद सभी भट्ठा की तरफ पीछे के दरवाजे से निकले और दूर खड़े आटो से भाग गए थे।
संरक्षक का नाम भी किया कुबूल
पहले सामने आ चुकी हैं तीन कहानियां
बता दें कि गोहरी कांड में इससे पहले तीन कहानियां सामने आयी थीं। पहली कहानी में जमीन का विवाद बताते हुए मृतक के भाई लालचंद्र निवासी मोहनगंज ने 12 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। पूछताछ के लिए पुलिस ने आरोपितों को उठाया तो इनसे कुछ ऐसा नहीं मिला जो काम का हो। इसके बाद एक और खुलासा किया गया। इसमें बताया गया कि इस परिवार की युवती को कोचिंग में पढऩे वाला एक युवक परेशान करता था। उसी ने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया था। तीसरी कहानी में एक युवक गिरफ्तार किया गया था। उसकी मृतक किशोरी के साथ मोबाइल पर चैटिंग हुआ करती थी।