प्रयागराज (ब्यूरो)। लखनऊ में पांच साल पूर्व हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले आठ आरोपितों पर बुधवार को आरोप तय हो गया। मामले को त्वरित निस्तारण व सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फाइल प्रयागराज एफटीसी प्रथम वीरेंद्र सिंह की कोर्ट में भेजी गई थी। इस चर्चित हत्या कांड की बुधवार को अदालत के द्वारा आरोप के बिन्दु पर सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा आरोपितों के खिलाफ तथ्य व साक्ष्य अदालत के सामने पेश किए गए। पत्रावलियों में उपलब्ध साक्ष्यों व तथ्यों के आधार पर अदालत ने आरोपित अशफाक, मोइनुद्दीन, सैय्यद आसिम अली, मो। जफर सादिक, पठान रशीद अहमद, फैजान मेंबर, मोहसिन सलीम शेख व यूसुफ खान पर कोर्ट ने आरोप तय करार दिया।
नाका हिंडोला थाने का है मामला
लखनऊ स्थित थाना नाका हिंडोला क्षेत्र में हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी 18 अक्टूबर 2019 को अपने आवास पर बैठे थे। बताते हैं कि उसी वक्त घर में घुसकर आरोपितों के जरिए उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हमलावरों के जरिए पहले कमलेश पर चाकू से वार किया गया था। इसके बाद गोलियां बरसा कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था। इस सनसनीखेज वारदात से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। रिपोर्ट दर्ज करके पुलिस के द्वारा आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। अधिवक्ताओं की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सुनवाई के लिए फाइल प्रयागराज ट्रांसफर कर दी गई थी। इस केस में यहां काफी समय से सुनवाई चल रही थी। बुधवार को एफटीसी फस्ट के न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत में आरोप के बिन्दु पर सुनवाई हुई। सरकारी अधिवक्ता फौजदारी की ओर से मामले में आरोपितों के खिलाफ तथ्य व साक्ष्य सुबूत पेश किए गए। बताया गया कि अदालत के द्वारा पत्रावलियों का अवलोकन किया गया। इसके बाद उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर धारा 302, 120-बी, 201, 25/27, 212, 216, 419 व 420 के तहत आठ आरोपितों पर कोर्ट ने आरोप तय किया। जिन अभियुक्तों पर आरोप तय हुआ उनमें अशफाक, मोइनुद्दीन, सैय्यद आसिम अली, मो। जफर सादिक, पठान रशीद अहमद, फैजान मेंबर, मोहसिन सलीम शेख व यूसुफ खान शामिल बताए गए।
लखनऊ के कमलेश तिवारी हत्या कांड में आठ अभियुक्तों पर आरोप बुधवार को कोर्ट द्वारा तय किया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस प्रकरण की फाईल पर सुनवाई यहां एफटीसी फस्ट के यहां विचाराधीन है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी