- हमीदिया गर्ल्स डिग्री कालेज में चले रहे शार्ट टर्म कोर्स का समापन
ALLAHABAD: जीवन विरोधाभास से भरा हुआ है। विरोधाभास खत्म करने के लिए चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए। ये बाते रविवार को हमीदिया गर्ल्स डिग्री कालेज में चले रहे सात दिवसीय कम्प्यूटर एप्लीकेशन बेस्ट सात दिवसीय शार्ट टर्म कोर्स के समापन अवसर पर चीफ गेस्ट प्रो वाइस चांसलर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बिग्रेडियर सैय्यद अहमद अली ने कही। एमएचआरडी की स्कीम पंडित मदनमोहन मालवीय नेशनल मिशन ऑन टीचर्स एंड ट्रेनिंग के अन्तर्गत सेंटर फार एकेडमिक लीडरशिप एंड एजूकेशन मैनेजमेंट, यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डवेलपमेंट सेंटर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सहयोग से आयोजित कोर्स के समापन पर उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सैद्धांतिक ज्ञान का प्रायोगिक कार्यान्वयन होना चाहिए। हुनर का सीखना महत्वपूर्ण है और गर्ल्स में यह उच्च स्तर पर होना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने कालेज की बी वोक डिग्री कोर्स शुरू करने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ये कौशल विकास को बढ़ावा देगा और रोजगार के अवसर खोलेगा।
व्यक्तित्व का करें विकास
समापन समारोह के अवसर पर चीफ गेस्ट ने स्टूडेंट्स को अपने व्यक्तित्व का विकास करने की सलाह दी। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का उदाहरण देकर स्टूडेंट्स को विस्तार से समझाया। इसके पहले कालेज की प्राचार्य डॉ। रेहाना तारिक ने बताया एक सप्ताह तक चले कोर्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में गेस्ट ऑफ ऑनर रही रिजवाना अहमद अली ने स्त्री शिक्षा पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि महिलाएं बेटे व बेटी में फर्क करना छोड़ दे। क्योकि हमसे समाज बनता है। इस दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कम्प्यूटर सेंटर के निदेशक डॉ। परवेज खान, सहायक निदेशक कैलम यूजीसी डॉ। फाएजा अब्बासी समेत अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार लोगों के सामने रखे। आखिर में कालेज की प्राचार्य ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।