प्रयागराज (ब्यूरो)। ईडी और आईटी यानी प्रवर्तन निदेशालय और जीएसटी की टीम ने शुक्रवार को शहर में बड़ी कार्रवाई की। बड़े बिल्डर्स, कारोबारियों एवं अधिवक्ता से लेकर करीब 15 लोगों यहां छापेमारी की गई। सुबह से लेकर देर शाम तक रेड चलती रही। कोई खुलकर यह बताने वाला सामाने नहीं आया कि इसे छापा कहा जाएगा या फिर सर्वे या फिर रुटीन डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन। क्लीयरकट कोई इंडीकेशन सामने नहीं आने से तमाम कयास लगाये जा रहे थे। यहां तक चर्चा पहुंच गयी कि इन सभी के कारोबार में आईएस 227 गैंग के सरगना अतीक अहमद हिडेन पार्टनर रहा है। इस अनुमान व शक में कितनी सच्चाई है, कुछ कहा नहीं जा सकता। एक साथ कुल 15 नामचीन लोगों के घर पर टीम के पहुंच जाने से हड़कंप जरूर मच गया।
सुबह ही पहुंच गयी थी टीमें
सुबह करीब छह बजे से शुरू हुई यह कार्रवाई देर शाम तक चलती रही। दोनों विभागों की टीमें हर किसी के घर बगैर बताए पहुंची थीं। पहुंचते ही सभी के मोबाइल को टीम ने कब्जे में ले लिया। लैंडलाइन फोन के भी कनेक्शन काट दिए गए। घर में मौजूद हर किसी को बगैर कहीं गए एक साइड कर दिया गया। इसके बाद घरों में मौजूद दस्तावेज और कैश से लेकर ज्वैलरी तक की डिलेट ली गई। धन और रसूख के बल पर इतरा रहे इन सभी के चेहरे की हवाइयां उड़ी रहीं। टीम के जरिए किए गए सवाल से सभी के होश फाख्ता रहे। जिनकी एक आवाज पर जिले के अफसर चलकर घर पहुंच जाया करते थे, उनके घर पर इस कार्रवाई को देखकर मोहल्ले के लोग भी सकते में आ गए। स्तब्ध रहे लोग एक टक आंखें फाड़-फोड़ कर कार्रवाई को निहारते रहे।
अतीक के हिडेन पार्टनर होने का शक
सबसे पहले सुबह करीब छह बजे टीम शहर के सबसे बड़े बिल्डर एल्गिन रोड निवासी संजीव अग्रवाल के बंगले पर दस्तक दी। गेट खुलवाकर मय गाड़ी दोनों विभागों की टीम उनके बंगले के अंदर इंट्री कर गई। उस वक्त घर के आधे से ज्यादा लोग बिस्तर पर ही थे। पहुंचते ही टीम के अधिकारी सबसे पहले सभी का मोबाइल व घर को अपनी कस्टडी में ले लिए। दोपहर के वक्त संजीव के भाई को लेकर टीम उनके दफ्तर पहुंची। कार्यालय से कई दस्तावेज लेकर वापस फिर उसके घर पहुंची। पूरे परिवार से शाम चार बजे तक टीम के अफसर पूछताछ में जुटे रहे। इस दौरान ईडी के अधिकारी संजीव अग्रवाल के घर की गहन तलाशी भी लिए। बताया जा रहा है कि भारी मात्रा में कैश व ज्वैलरी टीम के हाथ लगी है। कब्जे में लिए दस्तावेजों की गहन छानबीन शाम तक चलती रही।
अतीक के रिश्तेदार के घर भी छापा
इसी तरह अतीक के रिश्तेदार राजरूपपुर धूमनगंज निवासी खालिद जफर, धूमनगंज पीपलगांव निवासी गुलफुल प्रधान, अतीक एकाउंटेंट सीताराम शुक्ला निवासी लूकरगंज खुल्दाबाद, सुलेमसराय धूमनगंज निवासी अमित दीप मोटर के मालिक दीपक भार्गव, असाद कालिया निवासी करेली, बसपा से पूर्व विधायक रहे आशिफ जाफरी, मोसिम निवासी करेली और काली निवासी नुरुल्ला रोड के यहां भी ईडी के द्वारा छापेमारी की गई। छापे से पूरे शहर में हड़कंप मच गया। जिनके नाम और रसूख एवं दौलत के बल को देखते हुए अब तक पुलिस भी जाने से कतराती थी, अचानक ईडी के छापे से उनके मोहल्लों के लोग स्तब्ध रहे। कार्रवाई के वक्त टीम किसी को भी अंदर आने की इजाजत नहीं दे रही थी। यहां तक कि गेट के अंदर उन कर्मचारियों को भी नहीं जाने दिया गया जो उनके यहां काम किया करते थे। संजीव अग्रवाल के बंगले पर गेट के बाहर उनके कर्मचारी अंदर जाने के लिए मंडराते रहे। मगर टीम इन कर्मचारियों को भी गेट के अंदर नहीं जाने दी।
इनके यहां छापे और अतीक कनेक्श
ईडी की टीम सबसे पहले खालिद जफर के घर पहुंची, खालिद अतीक अहमद की बहन का दामाद बताया जाता है। प्रशासन देवघाट स्थित उसके अवैध प्लाटिंग पर जेसीबी चला चुका है। गुलफुल प्रधान के बारे में लोग बताते है दुर्दिन आने के पूर्व वह अतीक अहमद का बेहद खास था। गुलफुल के दामाद असरफ ने अतीक के विरुद्ध केस दर्ज करया था।
सीता राम शुक्ला की बाबत लोग कहते हैं कि वह अतीक अहमद का एकाउंटेंट रहा है और रुपयों का हिसाब रखता था। अतीक रुपये भी इसके यहां छिपाया करता था।
कारोबारी दीपक भार्गव व अमित दीप मोटर के मालिक का अतीक से सीधा कोई कनेक्शन नहीं मिलता। चर्चा रही कि उनके यहां गाडिय़ों के पार्ट को प्राइवेट में मंगवाकर जीएसटी की हेराफेरी की गयी है।
असाद कालिया यूं तो साधारण जीवन व्यतीत करता है। कुछ वर्ष पूर्व वह अतीक के लिए ही काम किया करता था। अतीक इसके यहां भी रुपये रखा करता था।
संजीव अग्रवाल का नाम अब शहर के सबसे बड़े बिल्डर में शुमार है। उनके शहर में तमाम प्रतिष्ठान ऐसे हैं जिनके निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं और उन्हें सेलआउट करने के बजाय किराये पर उठाया गया है। प्राइम लोकेशन की प्रापर्टी में पैसा लगा कहां से है। संभावना जतायी जा रही है कि यहां ब्लैकमनी की तलाश में रेड पड़ी है। इसका मकसद शायद यह भी पता लगाना है कि इसके कारोबार में पैसा लगा किसका किसका है।
पूर्व बसपा विधायक आशिफ जाफरी के बारे में लोग कहते हैं कि अतीक से उसकी अच्छी मित्रता थी। कई दोनों एक दूसरे की खुलकर मदद कर चुक हैं।
मोसिम और काली यह दोनों अतीक अहमद गैंग के सक्रिय मेंबरों में एक हुआ करते थेे। यह दोनों अतीक अहमद के कार काम में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष साथ दिया करते थे।