राष्ट्रीय सेमिनार में ई-लाइब्रेरी की आवश्यकताओं पर हुई चर्चा

यूपीआरटीयू में पुस्तकालय विज्ञान पर दो दिवसीय सेमिनार का हुआ आयोजन

ALLAHABAD: उच्च शिक्षा के विकास के लिए आज के समय में ई-गवर्नेस और डिजिटल लाईब्रेरी की सबसे अधिक आवश्यकता है। डिजिटल लाइब्रेरी के साथ ही साथ मानव संसाधन विकास प्रबंधन एवं कुशल गुणवत्तायुक्त प्रबंधन भी बेहद आवश्यक है। ये बातें शनिवार को यूपीआरटीयू में शुरू हुए राष्ट्रीय सेमिनार के अवसर पर डॉ। राममनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी, फैजाबाद के कुलपति प्रो। जीसीआर जायसवाल ने कही। उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों के सफल संचालन के लिए प्रशिक्षण जरूरी है। इस दौरान उन्होंने लाईब्रेरी व्यवस्था की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि ज्ञान के संव‌र्द्धन केलिए जितनी महत्वपूर्ण पुस्तकें है, उतनी ही महत्वपूर्ण ई-जर्नल, कर्मचारियों का क्षमता प्रबंधन, कार्यशाला व डिजिटल लाईब्रेरी भी है।

सूचना विज्ञान में आईसीटी का महत्व

मुख्य वक्ता उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद, तेलंगाना के डॉ। लक्ष्मण राव नागुबंदी ने कहा कि पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के क्षेत्र में आईसीटी का विशेष महत्व है। नई सोच एवं नई अन्वेशण के लिए परम्परागत व्यवस्था को आधुनिक व्यवस्था में बदलने के लिए आटोमोन को बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्तमान समय में चाहे पुस्तकों का मूल्य हो, संस्करण हो या लेखन की जानकारी लेनी हो, आटोमोन के जरिए पुस्तकों से संबंधित कोई भी जानकारी तत्काल प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ई- लाईब्रेरी ने छात्रों, शिक्षकों एवं पुस्तकालयों की दूरी कम कर दिया है। प्रो। नागबंदी ने वैश्रि्वक स्तर पर यूरोप और अमेरिका की ई-लाइब्रेरी का उदाहरण देते हुए भारतीय परिप्रेक्ष्य में भी लाईब्रेरी के क्षेत्र में पारस्परिक निर्भरता एवं सहयोग के लिए ई-लाइब्रेरी के महत्व का वर्णन किया। अध्यक्षता करते हुए यूपीआरटीयू के कुलपति प्रो.एमपी दुबे ने भी अपने विचार लोगों के सामने रखे। इस अवसर पर सभी गेस्ट ने मिलकर सेमिनार के ई सोविनियर का विमोचन किया। संचालन सचिव डॉ। आरजे मौर्य ने किया। आखिर में डॉ। आरपीएस यादव निदेशक मानविकी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।