प्रयागराज (ब्यूरो)। इन सम्पत्तियों को पोर्टल पर एक बार स्थान के आधार पर दर्ज किया जाएगा और सिस्टम इसे हमेशा याद रखेगा। इससे परिसम्पत्तियों की वास्तविक आधार पर निगरानी में सुधार आएगा और वे निष्क्रिय नहीं रहेंगी। फिलहाल रेलवे की ई-टेंडर सिस्टम में हिस्सा लेने के लिए संबंधित इकाई के पास भौतिक पंजीकरण कराना जरूरी होता है। ई-टेंडर प्रक्रिया में देश के किसी भी हिस्से में मौजूद बोली लगाने वाला पोर्टल के जरिए भारतीय रेल की किसी भी इकाई की सम्पत्ति के लिए बोली लगा सकता है। जिसकी भी बोली सफल हो गई तो वह ऑनलाइन ढंग से इसकी स्वीकृति पा सकता है। बोली लगाने वाले की वित्तीय कारोबार की शर्त को भी हटा लिया गया है। अब 40 लाख रुपए तक के ठेकों के लिए कोई भी वित्तीय टर्नओवर शर्त नहीं रखी गई है।
नीलामी के लिए रखी जाने वाली सम्पत्ति
पार्सल वैन-एसएलआर, भुगतान कर इस्तेमाल किए जाने वाले शौचालय, स्टेशन परिसर और रेल डिब्बों पर विज्ञापन के अधिकार, वातानुकूलित प्रतीक्षालय, अमानती सामान कक्ष, पार्किंग स्थल, एटीएम, कंटेंट प्रदर्शित करने वाले वीडियो स्क्रीन है।
चार नीलामी से शुरुआत
प्रयागराज मण्डल में अभी वर्तमान में चार परिसम्पत्तियों का सफल ई-ऑक्शन किया गया। इसमें दो पे एंड यूज टॉयलेट तथा दो वाणिज्यिक विज्ञापन से सम्बंधित परिसंपत्तियों की सफल ई-ऑक्शन तीन वर्ष के लिए की गयी है। जिसमें दो पे एंड यूज टॉयलेट कानपुर और टूंडला तथा दो वाणिज्यिक विज्ञापन का प्रयागराज स्टेशन के लिए ई-ऑक्शन किया गया। इससे तीन वर्ष में लगभग एक करोड़ 16 लाख रुपये का राजस्व प्रयागराज मण्डल को प्राप्त होने की सम्भावना है।