12 विभागों का चेक लिस्ट के अनुसार हुआ असेसमेंट, तीन स्तरों पर होता है मूल्यांकन
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत वर्ष 2020-2021 के लिए नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एन्क्वास) कार्यक्रम के अन्तर्गत डफरिन हॉस्पिटल को सफलता मिल सकती है। हॉस्पिटल का वर्चुअल माध्यम से असेसमेंट किया गया। इसके लिए भारत सरकार की ओर से मध्य प्रदेश के डॉ। अरुण त्रिपाठी और एम्स दिल्ली से असिसटेंट एडमिनिस्ट्रेटिव प्रो। डॉ। अमित कुमार को नामित किया गया था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एन्क्वास कार्यक्रम के तहत असेसमेंट पूरा कर लिया गया है।
70 फीसदी मार्क्स हैं जरूरी
डफरिन हॉस्पिटल का वर्चुअल असेसमेंट 22 से 24 फरवरी तक चला। एन्क्वास सíटफिकेट के लिए हॉस्पिटल को राष्ट्रीय स्तर के मानकों को अपने केन्द्र पर स्थापित करना पड़ता है। एन्क्वास अवार्ड के लिए विभिन्न हॉस्पिटल के लिए तीन स्तरों पर मानक निर्धारित हैं। कोई स्वास्थ्य केंद्र जब पहले स्तर के मानकों को कम से कम 70 प्रतिशत तक प्राप्त कर लेता है तभी उसे दूसरे स्तर पर जांचा जाता है। अपने हॉस्पिटल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओ और मानकों को स्थापित करने के लिए जांच कर्ताओं ने डफरिन की प्रशंसा भी की है। उन्होंने हॉस्पिटल को सर्टिफिकेट मिलने की संभावना भी जताई है।
इन बिंदुओं पर हुआ असेसमेंट
तीन दिन चले इस असेसमेंट में डॉ। अरुण व डॉ। अमित ने एन्क्वास चेकलिस्ट के अनुसार सभी 12 विभागों का असेसमेंट किया। इन विभागों में लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर, फार्मेसी, लेबोरेटरी, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन, दुर्घटना और इमरजेंसी, एसएनसीयू, पीपीओटी, रेडियोलॉजी, आईपीडी और सहायक सेवाएं शामिल हैं। असेसमेंट की रिपोर्ट जमा होने के बाद भारत सरकार द्वारा निर्धारित विभिन्न मानदंडो पर जांच के बाद लगभग डेढ़ से दो माह में इसका परिणाम घोषित किया जाता है। एन्क्वास के तहत सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने एवं उनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
डफरिन हॉस्पिटल की सुविधाएं बेहतर रहीं। असेसमेंट के दौरान टीम के सदस्यों ने काफी प्रशंसा भी की है। उम्मीद है कि इस बार डफरिन ही बाजी मारेगा। हॉस्पिटल की टीम ने अच्छा प्रजेंटेशन दिया है।
डॉ। अशोक चौरसिया
एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज