प्रयागराज (ब्यूरो)। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में गुरुवार को आयोजित प्रयागराज, ङ्क्षवध्याचल व वाराणसी की मंडल की संयुक्त खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में मुख्य अतिथि कृषि उत्पादन आयुक्त ने उत्पादन बढ़ाने की तैयारी व रणनीति की समीक्षा की। किसानों से फीडबैक लिया। कहा कि किसानों की मेहनत से प्रदेश कृषि क्षेत्र में निर्यात की स्थिति में आ गया है। दलहन उत्पादन बढ़ा है मगर तिलहन के क्षेत्र में आयात की स्थिति है। उर्वरक के बाद तिलहन में 80 हजार करोड़ रुपये आयात पर खर्च किया गया है। बताया शोधित बीज से रोग नहीं लगता और उत्पादन बढ़ता है। नहरों के टूटे गुल को मनरेगा से बनवाने को कहा। मंडलायुक्त संजय गोयल ने बताया कि खरीफ के लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति की जाएगी। मंडलायुक्त ङ्क्षवध्याचल ने कहा कि मीरजापुर एवं सोनभद्र के किसानों को बुंदेलखंड के समान सुविधाएं दी जाए। कृषि वैज्ञानिकों ने फसल चक्र अपनाकर, बीज शोधन, प्राकृतिक खेती, मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाकर आय बढ़ाने के उपाय बताए। कृषि सचिव अनुराग यादव भी मौजूद रहे। संचालन एडीआइओएस डा.प्रभाकर त्रिपाठी ने किया। कृषि उत्पादन आयुक्त ने प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया। प्रयागराज के डीएम संजय कुमार खत्री ने आभार जताया।
किसानों ने साझा किए अनुभव
प्रयागराज के प्रगतिशील किसान सुधीर मौर्य, फतेहपुर के लोकनाथ पांडेय, कौशांबी के अंगद मौर्य, प्रतापगढ़ के संजीव कुमार, चंदौली के अजय ङ्क्षसह, गाजीपुर के रामकुमार, जौनपुर के रजनीश ङ्क्षसह व संध्या ङ्क्षसह, भदोही के राहुल त्रिपाठी ने आमदनी बढ़ाने के अपने अनुभव साझा किए। जितेंद्र ङ्क्षसह, हरीलाल मौर्य, रामचंद्र, कुलदीप ङ्क्षसह, रोशनी वर्मा को मिनी किट का दिया गया। मंजुल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक ज्ञान ङ्क्षसह को फार्म मशीनरी बैंक पर अनुदान प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया गया।
भोजन-पानी के लिए किसानों ने मचाया शोर
दोपहर में लगभग दो बजे किसानों ने भोजन और पानी के लिए शोरगुल शुरू कर दिया। कृषि उत्पादन आयुक्त ने शांत और संयम बरतने का आह्वान किया। डीएम प्रयागराज और कृषि उपनिदेशकों ने पानी और लंच पैकेट दिलवाए तो वे शांत हुए।